भजन संहिता 103:2-4
भजन संहिता 103:2-4 HINOVBSI
हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, वही तो तेरे प्राण को नष्ट होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करुणा और दया का मुकुट बाँधता है