गिनती 22:1-20

गिनती 22:1-20 HINOVBSI

तब इस्राएलियों ने कूच करके यरीहो के पास यरदन नदी के इस पार मोआब के अराबा में डेरे खड़े किए। सिप्पोर के पुत्र बालाक ने देखा कि इस्राएल ने एमोरियों से क्या क्या किया है। इसलिये मोआब यह जानकर, कि इस्राएली बहुत हैं, उन लोगों से अत्यन्त डर गया; यहाँ तक कि मोआब इस्राएलियों के कारण अत्यन्त व्याकुल हुआ। तब मोआबियों ने मिद्यानी पुरनियों से कहा, “अब वह दल हमारे चारों ओर के सब लोगों को ऐसा चट कर जाएगा, जिस तरह बैल खेत की हरी घास को चट कर जाता है।” उस समय सिप्पोर का पुत्र बालाक मोआब का राजा था; और इसने पतोर नगर को, जो महानद के तट पर बोर के पुत्र बिलाम के जातिभाइयों की भूमि थी, वहाँ बिलाम के पास दूत भेजे कि वे यह कह कर उसे बुला लाएँ, “सुन, एक दल मिस्र से निकल आया है, और भूमि उनसे ढक गई है, और अब वे मेरे सामने ही आकर बस गये हैं। इसलिये आ, और उन लोगों को मेरे निमित्त शाप दे, क्योंकि वे मुझ से अधिक बलवन्त हैं; तब सम्भव है कि हम उन पर जयवन्त हों, और हम सब इनको अपने देश से मारकर निकाल दें; क्योंकि यह मैं जानता हूँ कि जिसको तू आशीर्वाद देता है वह धन्य होता है, और जिसको तू शाप देता है वह स्रापित होता है।” तब मोआबी और मिद्यानी पुरनिये भावी कहने की दक्षिणा लेकर चले, और बिलाम के पास पहुँचकर बालाक की बातें कह सुनाईं। उसने उनसे कहा, “आज रात को यहाँ टिको, और जो बात यहोवा मुझ से कहेगा, उसी के अनुसार मैं तुम को उत्तर दूँगा।” तब मोआब के हाकिम बिलाम के यहाँ ठहर गए। तब परमेश्‍वर ने बिलाम के पास आकर पूछा, “तेरे यहाँ ये पुरुष कौन हैं?” बिलाम ने परमेश्‍वर से कहा, “सिप्पोर के पुत्र मोआब के राजा बालाक ने मेरे पास यह कहला भेजा है, ‘सुन, जो दल मिस्र से निकल आया है उससे भूमि ढँप गई है; इसलिये आकर मेरे लिये उन्हें शाप दे; सम्भव है कि मैं उनसे लड़कर उनको बरबस निकाल सकूँगा’।” परमेश्‍वर ने बिलाम से कहा, “तू इनके संग मत जा; उन लोगों को शाप मत दे, क्योंकि वे आशीष के भागी हो चुके हैं।” भोर को बिलाम ने उठकर बालाक के हाकिमों से कहा, “तुम अपने देश को चले जाओ; क्योंकि यहोवा मुझे तुम्हारे साथ जाने की आज्ञा नहीं देता।” तब मोआबी हाकिम चले गये और बालाक के पास जाकर कहा, “बिलाम ने हमारे साथ आने से मना किया है।” इस पर बालाक ने फिर और हाकिम भेजे, जो पहलों से प्रतिष्‍ठित और गिनती में भी अधिक थे। उन्होंने बिलाम के पास आकर कहा, “सिप्पोर का पुत्र बालाक यों कहता है, ‘मेरे पास आने से किसी कारण मना मत कर; क्योंकि मैं निश्‍चय तेरी बड़ी प्रतिष्‍ठा करूँगा, और जो कुछ तू मुझ से कहे वही मैं करूँगा; इसलिये आ, और उन लोगों को मेरे निमित्त शाप दे’।” बिलाम ने बालाक के कर्मचारियों को उत्तर दिया, “चाहे बालाक अपने घर को सोने–चाँदी से भरकर मुझे दे दे, तौभी मैं अपने परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा को पलट नहीं सकता, कि उसे घटाकर या बढ़ाकर मानूँ। इसलिये अब तुम लोग आज रात को यहीं टिक रहो, ताकि मैं जान लूँ कि यहोवा मुझ से और क्या कहता है।” परमेश्‍वर ने रात को बिलाम के पास आकर कहा, “यदि वे पुरुष तुझे बुलाने आए हैं, तो तू उठकर उनके संग जा; परन्तु जो बात मैं तुझ से कहूँ उसी के अनुसार करना।”