गिनती 14:11-23

गिनती 14:11-23 HINOVBSI

तब यहोवा ने मूसा से कहा, “वे लोग कब तक मेरा तिरस्कार करते रहेंगे? और मेरे सब आश्‍चर्यकर्म देखने पर भी कब तक मुझ पर विश्‍वास न करेंगे? मैं उन्हें मरी से मारूँगा, और उनके निज भाग से उन्हें निकाल दूँगा, और तुझ से एक जाति उत्पन्न करूँगा जो उनसे बड़ी और बलवन्त होगी।” मूसा ने यहोवा से कहा, “तब तो मिस्री जिनके मध्य में से तू अपनी सामर्थ्य दिखाकर उन लोगों को निकाल ले आया है यह सुनेंगे, और इस देश के निवासियों से कहेंगे। उन्होंने तो यह सुना है कि तू जो यहोवा है, इन लोगों के मध्य में रहता है; और प्रत्यक्ष दिखाई देता है, और तेरा बादल उनके ऊपर ठहरा रहता है, और तू दिन को बादल के खम्भे में, और रात को अग्नि के खम्भे में होकर इनके आगे आगे चला करता है। इसलिये यदि तू इन लोगों को एक ही बार में मार डाले, तो जिन जातियों ने तेरी कीर्ति सुनी है वे कहेंगी, कि यहोवा उन लोगों को उस देश में जिसे उसने उन्हें देने की शपथ खाई थी पहुँचा न सका, इस कारण उसने उन्हें जंगल में घात कर डाला है। इसलिये अब प्रभु की सामर्थ्य की महिमा तेरे इस कहने के अनुसार हो, कि यहोवा कोप करने में धीरजवन्त और अति करुणामय है, और अधर्म और अपराध का क्षमा करनेवाला है, परन्तु वह दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा, और पूर्वजों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों, और पोतों, और परपोतों को देता है। अब इन लोगों के अधर्म को अपनी बड़ी करुणा के अनुसार, और जैसे तू मिस्र से लेकर यहाँ तक क्षमा करता रहा है वैसे ही अब भी क्षमा कर दे।” यहोवा ने कहा, “तेरी विनती के अनुसार मैं क्षमा करता हूँ; परन्तु मेरे जीवन की शपथ सचमुच सारी पृथ्वी यहोवा की महिमा से परिपूर्ण हो जाएगी; उन सब लोगों ने जिन्होंने मेरी महिमा मिस्र देश में और जंगल में देखी, और मेरे किए हुए आश्‍चर्यकर्मों को देखने पर भी दस बार मेरी परीक्षा की, और मेरी बातें नहीं मानीं, इसलिये जिस देश के विषय मैं ने उनके पूर्वजों से शपथ खाई, उसको वे कभी देखने न पाएँगे; अर्थात् जितनों ने मेरा अपमान किया है उनमें से कोई भी उसे देखने न पाएगा।