मरकुस 11:20-26

मरकुस 11:20-26 HINOVBSI

फिर भोर को जब वे उधर से जाते थे तो उन्होंने उस अंजीर के पेड़ को जड़ तक सूखा हुआ देखा। पतरस को वह बात स्मरण आई, और उसने उससे कहा, “हे रब्बी, देख! यह अंजीर का पेड़ जिसे तू ने स्राप दिया था, सूख गया है।” यीशु ने उस को उत्तर दिया, “परमेश्‍वर पर विश्‍वास रखो। मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो कोई इस पहाड़ से कहे, ‘तू उखड़ जा, और समुद्र में जा पड़,’ और अपने मन में सन्देह न करे, वरन् प्रतीति करे कि जो कहता हूँ वह हो जाएगा, तो उसके लिये वही होगा। इसलिये मैं तुम से कहता हूँ कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके माँगो, तो प्रतीति कर लो कि तुम्हें मिल गया, और तुम्हारे लिये हो जाएगा। और जब कभी तुम खड़े हुए प्रार्थना करते हो तो यदि तुम्हारे मन में किसी के प्रति कुछ विरोध हो, तो क्षमा करो : इसलिये कि तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा करे। [और यदि तुम क्षमा न करो तो तुम्हारा पिता भी जो स्वर्ग में है, तुम्हारा अपराध क्षमा न करेगा।”]

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