मरकुस 10:17-22

मरकुस 10:17-22 HINOVBSI

जब वह वहाँ से निकलकर मार्ग में जा रहा था, तो एक मनुष्य उसके पास दौड़ता हुआ आया, और उसके आगे घुटने टेककर उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?” यीशु ने उससे कहा, “तू मुझे उत्तम क्यों कहता है? कोई उत्तम नहीं, केवल एक अर्थात् परमेश्‍वर। तू आज्ञाओं को तो जानता है : ‘हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना’। ” उसने उससे कहा, “हे गुरु, इन सब को मैं लड़कपन से मानता आया हूँ।” यीशु ने उस पर दृष्‍टि करके उससे प्रेम किया, और उससे कहा, “तुझ में एक बात की घटी है। जा, जो कुछ तेरा है उसे बेच कर कंगालों को दे, और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले।” इस बात से उसके चेहरे पर उदासी छा गई, और वह शोक करता हुआ चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था।