मत्ती 8:18-27

मत्ती 8:18-27 HINOVBSI

यीशु ने जब अपने चारों ओर एक बड़ी भीड़ देखी तो झील के उस पार जाने की आज्ञा दी। तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे हो लूँगा।” यीशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” एक और चेले ने उससे कहा, “हे प्रभु, मुझे पहले जाने दे कि अपने पिता को गाड़ दूँ।” यीशु ने उससे कहा, “तू मेरे पीछे हो ले, और मुरदों को अपने मुरदे गाड़ने दे।” जब वह नाव पर चढ़ा, तो उसके चेले उसके पीछे हो लिए। और देखो, झील में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा कि नाव लहरों से ढँकने लगी, और वह सो रहा था। तब चेलों ने पास आकर उसे जगाया और कहा, “हे प्रभु, हमें बचा, हम नष्‍ट हुए जाते हैं।” उसने उनसे कहा, “हे अल्पविश्‍वासियो, क्यों डरते हो?” तब उसने उठकर आँधी और पानी को डाँटा, और सब शान्त हो गया। और वे अचम्भा करके कहने लगे, “यह कैसा मनुष्य है कि आँधी और पानी भी उसकी आज्ञा मानते हैं।”

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