मत्ती 12:1-8

मत्ती 12:1-8 HINOVBSI

उस समय यीशु सब्त के दिन खेतों में से होकर जा रहा था, और उसके चेलों को भूख लगी तो वे बालें तोड़–तोड़कर खाने लगे। फरीसियों ने यह देखकर उससे कहा, “देख, तेरे चेले वह काम कर रहे हैं, जो सब्त के दिन करना उचित नहीं।” उसने उनसे कहा, “क्या तुम ने नहीं पढ़ा, कि दाऊद ने, जब वह और उसके साथी भूखे हुए तो क्या किया? वह कैसे परमेश्‍वर के घर में गया, और भेंट की रोटियाँ खाईं, जिन्हें खाना न तो उसे और न उसके साथियों को पर केवल याजकों को उचित था? या क्या तुम ने व्यवस्था में नहीं पढ़ा कि याजक सब्त के दिन मन्दिर में सब्त के दिन की विधि को तोड़ने पर भी निर्दोष ठहरते हैं? पर मैं तुम से कहता हूँ कि यहाँ वह है जो मन्दिर से भी बड़ा है। यदि तुम इसका अर्थ जानते, ‘मैं दया से प्रसन्न होता हूँ, बलिदान से नहीं,’ तो तुम निर्दोष को दोषी न ठहराते। मनुष्य का पुत्र तो सब्त के दिन का भी प्रभु है।”