“मैं इस समय के लोगों की उपमा किससे दूँ? वे उन बालकों के समान हैं, जो बाजारों में बैठे हुए एक दूसरे से पुकार कर कहते हैं : ‘हम ने तुम्हारे लिये बाँसली बजाई, और तुम न नाचे; हम ने विलाप किया, और तुम ने छाती नहीं पीटी।’ क्योंकि यूहन्ना न खाता आया और न पीता, और वे कहते हैं, ‘उसमें दुष्टात्मा है।’ मनुष्य का पुत्र खाता–पीता आया, और वे कहते हैं ‘देखो, पेटू और पियक्कड़ मनुष्य, महसूल लेनेवालों और पापियों का मित्र!’ पर ज्ञान अपने कामों से सच्चा ठहराया गया है।”
तब वह उन नगरों को उलाहना देने लगा, जिनमें उसने बहुत से सामर्थ्य के काम किए थे, क्योंकि उन्होंने अपना मन नहीं फिराया था। “हाय, खुराजीन! हाय, बैतसैदा! जो सामर्थ्य के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर वे कब के मन फिरा लेते। परन्तु मैं तुम से कहता हूँ कि न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सूर और सैदा की दशा अधिक सहने योग्य होगी। हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा! जो सामर्थ्य के काम तुझ में किए गए हैं, यदि सदोम में किए जाते, तो वह आज तक बना रहता। पर मैं तुम से कहता हूँ कि न्याय के दिन तेरी दशा से सदोम की दशा अधिक सहने योग्य होगी।”
उसी समय यीशु ने कहा, “हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि तू ने इन बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा रखा, और बालकों पर प्रगट किया है। हाँ, हे पिता, क्योंकि तुझे यही अच्छा लगा।
“मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है; और कोई पुत्र को नहीं जानता, केवल पिता; और कोई पिता को नहीं जानता, केवल पुत्र; और वह जिस पर पुत्र उसे प्रगट करना चाहे।
“हे सब परिश्रम करनेवालो और बोझ से दबे हुए लोगो, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूँगा। मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो, और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूँ : और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।”