आशेर के गोत्र में से हन्नाह नामक फनूएल की बेटी एक भविष्यद्वक्तिन थी। वह बहुत बूढ़ी थी, और विवाह होने के बाद सात वर्ष अपने पति के साथ रह पाई थी। वह चौरासी वर्ष से विधवा थी : और मन्दिर को नहीं छोड़ती थी, पर उपवास और प्रार्थना कर करके रात–दिन उपासना किया करती थी। और वह उस घड़ी वहाँ आकर प्रभु का धन्यवाद करने लगी, और उन सभों से, जो यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोहते थे, उस बालक के विषय में बातें करने लगी।
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पांच दिन
क्रिसमस अपने आप को नज़दीकी से देखने और यह देखने का एक सुन्दर समय होता है कि किस प्रकार से यीशु मसीह के इस धरती पर आने की वास्तविकता हमारे जीवनों को बदल देती है। स्वर्ग ने धरती पर चढ़ाई की और उसे हमेशा के लिए बदल दिया। हमारा जीवन कठिन या दुविधाजनक हो सकता है लेकिन यीशु के साथ रहते हुए वह बेमकसद नहीं हो सकता है।
29 दिन
चश्मदीदों ने खुशखबरी बताई कि ल्यूक ने यीशु के जन्म से लेकर मृत्यु और पुनरुत्थान तक की कहानी बताई; ल्यूक ने अपनी शिक्षाओं को भी दोहराया जिसने दुनिया को बदल दिया। ल्यूक के माध्यम से दैनिक यात्रा करें क्योंकि आप ऑडियो अध्ययन सुनते हैं और भगवान के वचन से चुनिंदा छंद पढ़ते हैं।
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