उन दिनों में औगुस्तुस कैसर की ओर से आज्ञा निकली कि सारे जगत के लोगों के नाम लिखे जाएँ। यह पहली नाम लिखाई उस समय हुई, जब क्विरिनियुस सीरिया का हाकिम था। सब लोग नाम लिखवाने के लिये अपने अपने नगर को गए। अत: यूसुफ भी इसलिये कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया, कि अपनी मंगेतर मरियम के साथ जो गर्भवती थी नाम लिखवाए। उनके वहाँ रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए, और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेटकर चरनी में रखा; क्योंकि उनके लिये सराय में जगह न थी। और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। और प्रभु का एक दूत उनके पास आ खड़ा हुआ, और प्रभु का तेज उनके चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। तब स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरो; क्योंकि देखो, मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूँ जो सब लोगों के लिये होगा, कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। और इसका तुम्हारे लिये यह पता है कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे।” तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया, “आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है, शान्ति हो।” जब स्वर्गदूत उनके पास से स्वर्ग को चले गए, तो गड़ेरियों ने आपस में कहा, “आओ, हम बैतलहम जाकर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें।” और उन्होंने तुरन्त जाकर मरियम और यूसुफ को, और चरनी में उस बालक को पड़ा देखा। इन्हें देखकर उन्होंने वह बात जो इस बालक के विषय में उनसे कही गई थी, प्रगट की, और सब सुननेवालों ने उन बातों से जो गड़ेरियों ने उनसे कहीं आश्चर्य किया। परन्तु मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही। और गड़ेरिये जैसा उनसे कहा गया था, वैसा ही सब सुनकर और देखकर परमेश्वर की महिमा और स्तुति करते हुए लौट गए।
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पांच दिन
इस क्रिसमस यीशु के जन्म की कहानी जो मत्ती और लूका रचित सुसमाचार में वर्णित है उसकी ओर पुनः लौटें (ध्यान करें) जैसे आप पढ़ेंगे उसे योजनानुसार एक संक्षिप्त वीडियो उदाहरण सहित प्रतिदिन प्रदर्शित करता है।
5 दिन
दुनिया के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण पल वह था जब येशु, अर्थात् इस जगत की ज्योति ने] हमारे बीच निवास करने के लिए देह धारण किया। स्वर्गदूतों ने उनके आगमन की घोषणा की] कविताएं लिखी गई] चरवाहे दौड़कर गए और मरियम ने गीत गाया! हमारे साथ एक पांच-दिवसीय यात्रा में आइए जब हम उस ज्योति का निरीक्षण करते हैं] कि इसने किस तरह से अपने आस पास के लोगों को प्रेरित किया और किस तरह से आज यह हम पर प्रभाव डालती है।
हम ने परमेश्वर की महिमा के बारे में बहुत बार सुना है लेकिन हम इसे यह समझकर हल्के में ले लेते हैं कि हम उसके बारे में सब जानते हैं। इस क्रिसमस पर हम आशा करते हैं कि आप परिचित लेकिन परमेश्वर के मार्मिक सत्यों पर पुनःविचार करेंगे और उन्हें अपने जीवन के कुछ या सभी दृष्टिकोणों को बदलने की अनुमति देंगे।
7 Days
The Christmas story is one surprise after another. But sometimes the details become so familiar that they lose their impact. These short prayer devotionals help you to dwell deeply on the most unexpected and significant event in history: that God himself became one of us. Each prayer is written by David Mathis, executive editor for desiringGod.org and pastor at Cities Church in Saint Paul, Minnesota.
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