लूका 15:1-10

लूका 15:1-10 HINOVBSI

सब चुंगी लेनेवाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उसकी सुनें। पर फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ाकर कहने लगे, “यह तो पापियों से मिलता है और उनके साथ खाता भी है।” तब उसने उनसे यह दृष्‍टान्त कहा : “तुम में से कौन है जिसकी सौ भेड़ें हों, और उनमें से एक खो जाए, तो निन्यानबे को जंगल में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे? और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कंधे पर उठा लेता है; और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठा करके कहता है, ‘मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है।’ मैं तुम से कहता हूँ कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्यानबे ऐसे धर्मियों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं। “या कौन ऐसी स्त्री होगी जिसके पास दस सिक्‍के हों, और उनमें से एक खो जाए, तो वह दीया जला कर और घर झाड़–बुहारकर, जब तक मिल न जाए जी लगाकर खोजती न रहे? और जब मिल जाता है, तो वह अपनी सखियों और पड़ोसिनों को इकट्ठा करके कहती है, ‘मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरा खोया हुआ सिक्‍का मिल गया है।’ मैं तुम से कहता हूँ कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में परमेश्‍वर के स्वर्गदूतों के सामने आनन्द होता है।”

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