लूका 11:14-26

लूका 11:14-26 HINOVBSI

फिर उसने एक गूँगी दुष्‍टात्मा को निकाला। जब दुष्‍टात्मा निकल गई तो गूँगा बोलने लगा; और लोगों को अचम्भा हुआ। परन्तु उनमें से कुछ ने कहा, “यह तो बालज़बूल नामक दुष्‍टात्माओं के प्रधान की सहायता से दुष्‍टात्माओं को निकालता है।” औरों ने उसकी परीक्षा करने के लिये उससे आकाश का एक चिह्न माँगा। परन्तु उसने उनके मन की बातें जानकर, उनसे कहा, “जिस–जिस राज्य में फूट होती है, वह राज्य उजड़ जाता है; और जिस घर में फूट होती है, वह नष्‍ट हो जाता है। यदि शैतान अपना ही विरोधी हो जाए, तो उसका राज्य कैसे बना रहेगा? क्योंकि तुम मेरे विषय में तो कहते हो कि यह शैतान की सहायता से दुष्‍टात्मा निकालता है। भला यदि मैं शैतान की सहायता से दुष्‍टात्माओं को निकालता हूँ, तो तुम्हारी सन्तान किसकी सहायता से निकालते हैं? इसलिये वे ही तुम्हारा न्याय चुकाएँगे। परन्तु यदि मैं परमेश्‍वर की सामर्थ्य से दुष्‍टात्माओं को निकालता हूँ, तो परमेश्‍वर का राज्य तुम्हारे पास आ पहुँचा है। जब बलवन्त मनुष्य हथियार बाँधे हुए अपने घर की रखवाली करता है, तो उसकी संपत्ति बची रहती है। पर जब उससे बढ़कर कोई और बलवन्त चढ़ाई करके उसे जीत लेता है, तो उसके वे हथियार जिन पर उसका भरोसा था, छीन लेता है और उसकी संपत्ति लूटकर बाँट देता है। जो मेरे साथ नहीं वह मेरे विरोध में है, और जो मेरे साथ नहीं बटोरता वह बिखेरता है। “जब अशुद्ध आत्मा मनुष्य में से निकल जाती है तो सूखी जगहों में विश्राम ढूँढ़ती फिरती है, और जब नहीं पाती तो कहती है, ‘मैं अपने उसी घर में जहाँ से निकली थी लौट जाऊँगी।’ और आकर उसे झाड़ा–बुहारा और सजा–सजाया पाती है। तब वह जाकर अपने से बुरी सात और आत्माओं को अपने साथ ले आती है, और वे उसमें पैठकर वास करती हैं, और उस मनुष्य की पिछली दशा पहले से भी बुरी हो जाती है।”

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