“मेलबलि की, जिसे कोई यहोवा के लिये चढ़ाए व्यवस्था यह है : यदि वह उसे धन्यवाद के लिये चढ़ाए, तो धन्यवादबलि के साथ तेल से सने हुए अख़मीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अख़मीरी रोटियाँ, और तेल से सने हुए मैदे के फुलके तेल से तर चढ़ाए। और वह अपने धन्यवादवाले मेलबलि के साथ ख़मीरी रोटियाँ भी चढ़ाए। और ऐसे एक एक चढ़ावे में से वह एक एक रोटी यहोवा को उठाने की भेंट करके चढ़ाए; वह मेलबलि के लहू के छिड़कनेवाले याजक की होगी। और उस धन्यवादवाले मेलबलि का मांस बलिदान चढ़ाने के दिन ही खाया जाए; उसमें से कुछ भी भोर तक शेष न रह जाए। पर यदि उसके बलिदान का चढ़ावा मन्नत का या स्वेच्छा का हो, तो उस बलिदान को जिस दिन वह चढ़ाया जाए उसी दिन वह खाया जाए, और उस में से जो शेष रह जाए वह दूसरे दिन भी खाया जाए। परन्तु जो कुछ बलिदान के मांस में से तीसरे दिन तक रह जाए वह आग में जला दिया जाए। और उसके मेलबलि के मांस में से यदि कुछ भी तीसरे दिन खाया जाए, तो वह ग्रहण न किया जाएगा, और न उसके हित में गिना जाएगा; वह घृणित कर्म समझा जाएगा, और जो कोई उसमें से खाए उसका अधर्म उसी के सिर पर पड़ेगा।
“फिर जो मांस किसी अशुद्ध वस्तु से छू जाए वह न खाया जाए; वह आग में जला दिया जाए। फिर मेलबलि का मांस जितने शुद्ध हों वे ही खाएँ, परन्तु जो अशुद्ध होकर यहोवा के मेलबलि के मांस में से कुछ खाए वह अपने लोगों में से नाश किया जाए। और यदि कोई किसी अशुद्ध वस्तु को छूकर यहोवा के मेलबलिपशु के मांस में से खाए, वह भी अपने लोगों में से नाश किया जाए, चाहे वह मनुष्य की कोई अशुद्ध वस्तु या अशुद्ध पशु या कोई भी अशुद्ध और घृणित वस्तु हो।”
फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “इस्राएलियों से इस प्रकार कह : तुम लोग न तो बैल की कुछ चरबी खाना और न भेड़ या बकरी की। और जो पशु स्वयं मर जाए, और जो दूसरे पशु से फाड़ा जाए, उसकी चरबी अन्य काम में लाना, परन्तु उसे किसी प्रकार से खाना नहीं। जो कोई ऐसे पशु की चरबी खाएगा जिसमें से लोग कुछ यहोवा के लिये हवन करके चढ़ाया करते हैं, वह खानेवाला अपने लोगों में से नाश किया जाएगा। और तुम अपने घर में किसी भाँति का लहू, चाहे पक्षी का चाहे पशु का हो, न खाना। हर एक प्राणी जो किसी भाँति का लहू खाएगा वह अपने लोगों में से नाश किया जाएगा।”
फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “इस्राएलियों से इस प्रकार कह : जो यहोवा के लिये मेलबलि चढ़ाए वह उसी मेलबलि में से यहोवा के पास भेंट ले आए; वह अपने ही हाथों से यहोवा के हव्य को, अर्थात् छाती समेत चरबी को ले आए कि छाती हिलाने की भेंट करके यहोवा के सामने हिलाई जाए। और याजक चरबी को तो वेदी पर जलाए, परन्तु छाती हारून और उसके पुत्रों की होगी। फिर तुम अपने मेलबलियों में से दाहिनी जाँघ को भी उठाने की भेंट करके याजक को देना; हारून के पुत्रों में से जो मेलबलि के लहू और चरबी को चढ़ाए दाहिनी जाँघ उसी का भाग होगा। क्योंकि इस्राएलियों के मेलबलियों में से हिलाने की भेंट की छाती और उठाने की भेंट की जाँघ को लेकर मैं ने याजक हारून और उसके पुत्रों को दिया है कि यह सर्वदा इस्राएलियों की ओर से उनका हक़ बना रहे।
“जिस दिन हारून और उसके पुत्र यहोवा के समीप याजक पद के लिये लाए गए उसी दिन यहोवा के हव्यों में से उनका यही अभिषिक्त भाग ठहराया गया; अर्थात् जिस दिन यहोवा ने उनका अभिषेक किया उसी दिन उसने आज्ञा दी कि उनको इस्राएलियों की ओर से ये भाग नित्य मिला करें; उनकी पीढ़ी पीढ़ी के लिये उनका यही हक़ ठहराया गया।”
होमबलि, अन्नबलि, पापबलि, दोषबलि, याजकों के संस्कार बलि, और मेलबलि की व्यवस्था यही है; जब यहोवा ने सीनै पर्वत के पास के जंगल में मूसा को आज्ञा दी कि इस्राएली मेरे लिये क्या क्या चढ़ावा चढ़ाएँ, तब उसने उनको यही व्यवस्था दी थी।