यूहन्ना 10:11-18

यूहन्ना 10:11-18 HINOVBSI

अच्छा चरवाहा मैं हूँ; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है। मजदूर जो न चरवाहा है और न भेड़ों का मालिक है, भेडिए को आते देख भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है; और भेड़िया उन्हें पकड़ता और तितर–बितर कर देता है। वह इसलिये भाग जाता है कि वह मजदूर है, और उसको भेड़ों की चिन्ता नहीं। अच्छा चरवाहा मैं हूँ; मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं। जैसे पिता मुझे जानता है और मैं पिता को जानता हूँ – और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूँ। मेरी और भी भेड़ें हैं, जो इस भेड़शाला की नहीं। मुझे उनका भी लाना अवश्य है। वे मेरा शब्द सुनेंगी, तब एक ही झुण्ड और एक ही चरवाहा होगा। पिता इसलिये मुझ से प्रेम रखता है कि मैं अपना प्राण देता हूँ कि उसे फिर ले लूँ। कोई उसे मुझ से छीनता नहीं, वरन् मैं उसे आप ही देता हूँ। मुझे उसके देने का भी अधिकार है, और उसे फिर ले लेने का भी अधिकार है : यह आज्ञा मेरे पिता से मुझे मिली है।”

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