फिर फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “सुन, मैं तुझ को मिस्र के सारे देश के ऊपर अधिकारी ठहरा देता हूँ।” तब फ़िरौन ने अपने हाथ से अँगूठी निकालके यूसुफ के हाथ में पहिना दी; और उसको बढ़िया मलमल के वस्त्र पहिनवा दिया, और उसके गले में सोने की जंजीर डाल दी; और उसको अपने दूसरे रथ पर चढ़वाया; और लोग उसके आगे आगे यह प्रचार करते चले कि घुटने टेककर दण्डवत् करो, और उसने उसको मिस्र के सारे देश के ऊपर प्रधान मंत्री ठहराया। फिर फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “फ़िरौन तो मैं हूँ; पर सारे मिस्र देश में कोई भी तेरी आज्ञा के बिना हाथ–पाँव न हिलाएगा।” तब फ़िरौन ने यूसुफ का नाम सापनत्पानेह रखा; और ओन नगर के याजक पोतीपेरा की बेटी आसनत से उसका विवाह करा दिया। और यूसुफ सारे मिस्र देश में दौरा करने लगा। जब यूसुफ मिस्र के राजा फ़िरौन के सम्मुख खड़ा हुआ, तब वह तीस वर्ष का था। वह फ़िरौन के सम्मुख से निकलकर सारे मिस्र देश में दौरा करने लगा। सुकाल के सातों वर्षों में भूमि बहुतायत से अन्न उपजाती रही, और यूसुफ उन सातों वर्षों में सब प्रकार की भोजनवस्तुएँ, जो मिस्र देश में होती थीं, जमा करके नगरों में रखता गया; और हर एक नगर के चारों ओर के खेतों की भोजनवस्तुओं को वह उसी नगर में इकट्ठा करता गया। इस प्रकार यूसुफ ने अन्न को समुद्र की बालू के समान अत्यन्त बहुतायत से राशि राशि गिनके रखा, यहाँ तक कि उसने उनका गिनना छोड़ दिया क्योंकि वे असंख्य हो गईं। अकाल के प्रथम वर्ष के आने से पहले यूसुफ के दो पुत्र, ओन के याजक पोतीपेरा की बेटी आसनत से जन्मे। यूसुफ ने अपने जेठे का नाम यह कहके मनश्शे रखा, कि ‘परमेश्वर ने मुझ से मेरा सारा क्लेश, और मेरे पिता का सारा घराना भुला दिया है।’ दूसरे का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, कि ‘मुझे दु:ख भोगने के देश में परमेश्वर ने फलवन्त किया है।’ मिस्र देश के सुकाल के सात वर्ष समाप्त हो गए; और यूसुफ के कहने के अनुसार सात वर्षों के लिये अकाल आरम्भ हो गया। सब देशों में अकाल पड़ने लगा, परन्तु सारे मिस्र देश में अन्न था। जब मिस्र का सारा देश भूखों मरने लगा; तब प्रजा फ़िरौन से चिल्ला चिल्लाकर रोटी माँगने लगी; और वह सब मिस्रियों से कहा करता था, “यूसुफ के पास जाओ; और जो कुछ वह तुम से कहे, वही करो।” इसलिये जब अकाल सारी पृथ्वी पर फैल गया, और मिस्र देश में अकाल का रूप भयंकर हो गया, तब यूसुफ सब भण्डारों को खोल खोलके मिस्रियों के हाथ अन्न बेचने लगा। इसलिये सारी पृथ्वी के लोग मिस्र में अन्न मोल लेने के लिये यूसुफ के पास आने लगे, क्योंकि सारी पृथ्वी पर भयंकर अकाल था।
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पांच दिन
उदारता में महारती, नामक पुस्तक में से ली गयी अध्ययन करने की पांच दिनों की योजना में, चिप इंग्राम बताते हैं किस प्रकार से हम वह महारती या निपुण लोग बन सकते हैं जिसके लिए हमें रचा गया था- अर्थात वे लोग जो उदारता में निपुण होने के लाभ को समझते हैं।
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अद्भुत कहानियाँ एक ऐसी श्रृंखला है जिसमें एनिमेटेड वीडियो के माध्यम से सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र में परमेश्वर की छुटकारे या उद्धार की कहानी साझा की जाती है। एक छोटा एनिमेटेड वीडियो, जिसमें परमेश्वर के महान सामर्थ्य का प्रदर्शन होता है, यह पाँच भागों की श्रंखला, हर दिन पुरानी नियम की एक कहानी को प्रस्तुत करती है।
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पुराने नियम में, परमेश्वर ने लोगों (संपर्क) को चुना, उनके साथ अनेकों तरीकों से बातचीत की।यह, नए नियम के प्रकाश में, वचन के गहरे दृष्टिकोण को प्रदान करता है। परमेश्वर के संपर्को के चार भाग हैं, जिसमे पहला भाग पुराने नियम के कुलपतियों का काल है – जिसमे प्रमुख लोगों के आधार अर्थात विश्वास की चर्चा की गयी है।
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