निर्गमन 12:31-51

निर्गमन 12:31-51 HINOVBSI

तब फ़िरौन ने रात ही रात में मूसा और हारून को बुलवाकर कहा, “तुम इस्राएलियों समेत मेरी प्रजा के बीच से निकल जाओ; और अपने कहने के अनुसार जाकर यहोवा की उपासना करो। अपने कहने के अनुसार अपनी भेड़–बकरियों और गाय–बैलों को साथ ले जाओ; और मुझे आशीर्वाद दे जाओ।” मिस्री जो कहते थे, ‘हम तो सब मर मिटे हैं,’ उन्होंने इस्राएली लोगों पर दबाव डालकर कहा, “देश से झटपट निकल जाओ।” तब उन्होंने अपने गुंधे–गुंधाए आटे को बिना ख़मीर दिए ही कठौतियों समेत कपड़ों में बाँधकर अपने अपने कन्धे पर डाल लिया। इस्राएलियों ने मूसा के कहने के अनुसार मिस्रियों से सोने–चाँदी के गहने और वस्त्र माँग लिये; और यहोवा ने मिस्रियों को अपनी प्रजा के लोगों पर ऐसा दयालु किया कि उन्होंने जो जो माँगा वह सब उनको दिया। इस प्रकार इस्राएलियों ने मिस्रियों को लूट लिया। तब इस्राएली रामसेस से कूच करके सुक्‍कोत को चले, और बाल–बच्‍चों को छोड़ वे कोई छ: लाख पैदल चलनेवाले पुरुष थे। उनके साथ मिली–जुली हुई एक भीड़ गई, और भेड़–बकरी, गाय–बैल, बहुत से पशु भी साथ गए। और जो गूँधा आटा वे मिस्र से साथ ले गए थे उसकी उन्होंने बिना ख़मीर दिए रोटियाँ बनाईं; क्योंकि वे मिस्र से ऐसे बरबस निकाले गए कि उन्हें अवसर भी न मिला कि मार्ग में खाने के लिये कुछ पका सकें, इसी कारण वह गूँधा हुआ आटा बिना ख़मीर का था। मिस्र में बसे हुए इस्राएलियों को चार सौ तीस वर्ष बीत गए थे। और उन चार सौ तीस वर्षों के बीतने पर, ठीक उसी दिन, यहोवा की सारी सेना मिस्र देश से निकल गई। यहोवा इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल लाया, इस कारण वह रात उसके निमित्त मानने के योग्य है; यह यहोवा की वही रात है जिसका पीढ़ी पीढ़ी में मानना इस्राएलियों के लिये अवश्य है। फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, “पर्व* की विधि यह है : कोई परदेशी उसमें से न खाए; पर जो किसी का मोल लिया हुआ दास हो, और तुम लोगों ने उसका खतना किया हो, वह तो उसमें से खा सकेगा। पर परदेशी और मज़दूर उसमें से न खाएँ। उसका खाना एक ही घर में हो; अर्थात् तुम उसके मांस में से कुछ घर से बाहर न ले जाना; और बलिपशु की कोई हड्डी न तोड़ना। पर्व* का मानना इस्राएल की सारी मण्डली का कर्तव्य है। और यदि कोई परदेशी तुम लोगों के संग रहकर यहोवा के लिये पर्व को मानना चाहे, तो वह अपने यहाँ के सब पुरुषों का खतना कराए, तब वह समीप आकर उसको माने; और वह देशी मनुष्य के तुल्य ठहरेगा। पर कोई खतनारहित पुरुष उसमें से न खाने पाए। उसकी व्यवस्था देशी और तुम्हारे बीच में रहनेवाले परदेशी दोनों के लिये एक ही हो।” यह आज्ञा जो यहोवा ने मूसा और हारून को दी उसके अनुसार सारे इस्राएलियों ने किया। और ठीक उसी दिन यहोवा इस्राएलियों को मिस्र देश से दल दल करके निकाल ले गया।