दानिय्येल 10:10-14

दानिय्येल 10:10-14 HINOVBSI

फिर किसी ने अपने हाथ से मेरी देह को छुआ, और मुझे उठाकर घुटनों और हथेलियों के बल थरथराते हुए बैठा दिया। तब उसने मुझ से कहा, “हे दानिय्येल, हे अति प्रिय पुरुष, जो वचन मैं तुझ से कहता हूँ उसे समझ ले, और सीधा खड़ा हो, क्योंकि मैं अभी तेरे पास भेजा गया हूँ।” जब उसने मुझ से यह वचन कहा, तब मैं खड़ा तो हो गया परन्तु थरथराता रहा। फिर उसने मुझ से कहा, “हे दानिय्येल, मत डर, क्योंकि पहले ही दिन को जब तू ने समझने–बूझने के लिये मन लगाया और अपने परमेश्‍वर के सामने अपने को दीन किया, उसी दिन तेरे वचन सुने गए, और मैं तेरे वचनों के कारण आ गया हूँ। फारस के राज्य का प्रधान इक्‍कीस दिन तक मेरा सामना किए रहा; परन्तु मीकाएल जो मुख्य प्रधानों में से है, वह मेरी सहायता के लिये आया, इसलिये मैं फारस के राजाओं के पास रहा, और अब मैं तुझे समझाने आया हूँ, कि अन्त के दिनों में तेरे लोगों की क्या दशा होगी। क्योंकि जो दर्शन तू ने देखा है वह कुछ दिनों के बाद पूरा होगा।”