प्रेरितों 3:1-10

प्रेरितों 3:1-10 HINOVBSI

पतरस और यूहन्ना तीसरे पहर प्रार्थना के समय मन्दिर में जा रहे थे। और लोग एक जन्म के लंगड़े को ला रहे थे, जिसको वे प्रतिदिन मन्दिर के उस द्वार पर जो ‘सुन्दर’ कहलाता है, बैठा देते थे कि वह मन्दिर में जानेवालों से भीख माँगे। जब उसने पतरस और यूहन्ना को मन्दिर में जाते देखा, तो उनसे भीख माँगी। पतरस ने यूहन्ना के साथ उसकी ओर ध्यान से देखकर कहा, “हमारी ओर देख!” अत: वह उनसे कुछ पाने की आशा रखते हुए उनकी ओर ताकने लगा। तब पतरस ने कहा, “चाँदी और सोना तो मेरे पास है नहीं, परन्तु जो मेरे पास है वह तुझे देता हूँ; यीशु मसीह नासरी के नाम से चल फिर।” और उसने उसका दाहिना हाथ पकड़ के उसे उठाया; और तुरन्त उसके पाँवों और टखनों में बल आ गया। वह उछलकर खड़ा हो गया और चलने–फिरने लगा; और चलता, और कूदता, और परमेश्‍वर की स्तुति करता हुआ उनके साथ मन्दिर में गया। सब लोगों ने उसे चलते फिरते और परमेश्‍वर की स्तुति करते देखकर, उसको पहचान लिया कि यह वही है जो मन्दिर के ‘सुन्दर’ फाटक पर बैठ कर भीख माँगा करता था; और उस घटना से जो उसके साथ हुई थी वे बहुत अचम्भित और चकित हुए।

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