प्रेरितों 21:17-36

प्रेरितों 21:17-36 HINOVBSI

जब हम यरूशलेम में पहुँचे, तो भाई बड़े आनन्द के साथ हम से मिले। दूसरे दिन पौलुस हमें लेकर याकूब के पास गया, जहाँ सब प्राचीन इकट्ठे थे। तब उसने उन्हें नमस्कार करके, जो जो काम परमेश्‍वर ने उसकी सेवा के द्वारा अन्यजातियों में किए थे, एक–एक करके सब बताए। उन्होंने यह सुनकर परमेश्‍वर की महिमा की, फिर उससे कहा, “हे भाई, तू देखता है कि यहूदियों में से कई हज़ार ने विश्‍वास किया है; और सब व्यवस्था के लिये धुन लगाए हैं। उनको तेरे विषय में सिखाया गया है कि तू अन्यजातियों में रहनेवाले यहूदियों को मूसा से फिर जाने को सिखाता है, और कहता है, कि न अपने बच्‍चों का खतना कराओ और न रीतियों पर चलो। तो फिर क्या किया जाए? लोग अवश्य सुनेंगे कि तू आया है। इसलिये जो हम तुझ से कहते हैं, वह कर। हमारे यहाँ चार मनुष्य हैं जिन्होंने मन्नत मानी है।* उन्हें लेकर उनके साथ अपने आप को शुद्ध कर; और उनके लिये खर्चा दे कि वे सिर मुँड़ाएँ। तब सब जान लेंगे कि जो बातें उन्हें तेरे विषय में बताई गईं, उनमें कुछ सच्‍चाई नहीं है परन्तु तू आप भी व्यवस्था को मानकर उसके अनुसार चलता है। परन्तु उन अन्यजातियों के विषय में जिन्होंने विश्‍वास किया है, हम ने यह निर्णय करके लिख भेजा है कि वे मूर्तियों के सामने बलि किए हुए मांस से, और लहू से और गला घोंटे हुओं के मांस से, और व्यभिचार से बचे रहें।” तब पौलुस उन मनुष्यों को लेकर, और दूसरे दिन उनके साथ शुद्ध होकर मन्दिर में गया, और वहाँ बता दिया कि शुद्ध होने के दिन, अर्थात् उनमें से हर एक के लिये चढ़ावा चढ़ाए जाने तक के दिन कब पूरे होंगे। जब वे सात दिन पूरे होने पर थे, तो आसिया के यहूदियों ने पौलुस को मन्दिर में देखकर सब लोगों को उकसाया, और यों चिल्‍लाकर उसको पकड़ लिया, “हे इस्राएलियो, सहायता करो; यह वही मनुष्य है, जो लोगों के, और व्यवस्था के, और इस स्थान के विरोध में हर जगह सब लोगों को सिखाता है, यहाँ तक कि यूनानियों को भी मन्दिर में लाकर उस ने इस पवित्रस्थान को अपवित्र किया है।” उन्होंने इससे पहले इफिसुसवासी त्रुफिमुस को उसके साथ नगर में देखा था, और समझे थे कि पौलुस उसे मन्दिर में ले आया है। तब सारे नगर में कोलाहल मच गया, और लोग दौड़कर इकट्ठे हुए और पौलुस को पकड़कर मन्दिर के बाहर घसीट लाए, और तुरन्त द्वार बन्द किए गए। जब वे उसे मार डालना चाहते थे, तो पलटन के सरदार को सन्देश पहुँचा कि सारे यरूशलेम में कोलाहल मच रहा है। तब वह तुरन्त सैनिकों और सूबेदारों को लेकर उनके पास नीचे दौड़ आया; और उन्होंने पलटन के सरदार को और सैनिकों को देख कर पौलुस को मारना–पीटना छोड़ दिया। तब पलटन के सरदार ने पास आकर उसे पकड़ लिया; और दो जंजीरों से बाँधने की आज्ञा देकर पूछने लगा, “यह कौन है और इस ने क्या किया है?” परन्तु भीड़ में से कोई कुछ और कोई कुछ चिल्‍लाता रहा। जब हुल्‍लड़ के मारे वह ठीक सच्‍चाई न जान सका, तो उसे गढ़ में ले जाने की आज्ञा दी। जब वह सीढ़ी पर पहुँचा, तो ऐसा हुआ कि भीड़ के दबाव के मारे सैनिकों को उसे उठाकर ले जाना पड़ा। क्योंकि लोगों की भीड़ यह चिल्‍लाती हुई उसके पीछे पड़ी थी, “उसका अन्त कर दो।”