अत: जिन्होंने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया; और उसी दिन तीन हज़ार मनुष्यों के लगभग उनमें मिल गए। और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने, और रोटी तोड़ने, और प्रार्थना करने में लौलीन रहे। और सब लोगों पर भय छा गया, और बहुत से अद्भुत काम और चिह्न प्रेरितों के द्वारा प्रगट होते थे। और सब विश्वास करनेवाले इकट्ठे रहते थे, और उनकी सब वस्तुएँ साझे में थीं। वे अपनी–अपनी सम्पत्ति और सामान बेच–बेचकर जैसी जिसकी आवश्यकता होती थी बाँट दिया करते थे। वे प्रतिदिन एक मन होकर मन्दिर में इकट्ठे होते थे, और घर–घर रोटी तोड़ते हुए आनन्द और मन की सीधाई से भोजन किया करते थे, और परमेश्वर की स्तुति करते थे, और सब लोग उनसे प्रसन्न थे : और जो उद्धार पाते थे, उनको प्रभु प्रतिदिन उनमें मिला देता था।
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These are unprecedented times for those of us who are alive on planet earth at this moment. Historically, we can find hope if we turn to the One who made it all and is Lord of all. What does the Bible say about why these things happen, what is God’s response to it, and what is my hope in life and death?
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कुछ लोग महान आध्यात्मिक सत्य संयोग से खोजते हैं और कुछ लोग उन्हें खोजने में पूरा जीवन बिता देते हैं। शायद आप लंबे समय से ऐसी चीज़ की तलाश कर रहे हैं जो वास्तव में जीवन को बदलने वाली हो। यह पठन योजना आपको उस जीवन पर विचार करने के लिए एक सरल निमंत्रण है जिसे यीशु आपको देना चाहते हैं।
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