2 कुरिन्थियों 3:7-18

2 कुरिन्थियों 3:7-18 HINOVBSI

यदि मृत्यु की वह वाचा जिसके अक्षर पत्थरों पर खोदे गए थे, यहाँ तक तेजोमय हुई कि मूसा के मुँह पर के तेज के कारण जो घटता भी जाता था, इस्राएली उसके मुँह पर दृष्‍टि नहीं कर सकते थे, तो आत्मा की वाचा और भी तेजोमय क्यों न होगी? क्योंकि जब दोषी ठहरानेवाली वाचा तेजोमय थी, तो धर्मी ठहरानेवाली वाचा और भी तेजोमय क्यों न होगी? और जो तेजोमय था, वह भी उस तेज के कारण जो उससे बढ़कर तेजोमय था, कुछ तेजोमय न ठहरा। क्योंकि जब वह जो घटता जाता था तेजोमय था, तो वह जो स्थिर रहेगा और भी तेजोमय क्यों न होगा? इसलिये ऐसी आशा रखकर हम हियाव के साथ बोलते हैं, और मूसा के समान नहीं, जिसने अपने मुँह पर परदा डाला था ताकि इस्राएली उस घटनेवाले तेज के अन्त को न देखें। परन्तु वे मतिमन्द हो गए, क्योंकि आज तक पुराना नियम पढ़ते समय उनके हृदयों पर वही परदा पड़ा रहता है, पर वह मसीह में उठ जाता है। आज तक जब कभी मूसा की पुस्तक पढ़ी जाती है, तो उनके हृदय पर परदा पड़ा रहता है। परन्तु जब कभी उनका हृदय प्रभु की ओर फिरेगा, तब वह परदा उठ जाएगा। प्रभु तो आत्मा है : और जहाँ कहीं प्रभु का आत्मा है वहाँ स्वतंत्रता है। परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्वी रूप में अंश अंश करके बदलते जाते हैं।

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