2 इतिहास 26:1-15

2 इतिहास 26:1-15 HINOVBSI

तब सब यहूदी प्रजा ने उज्जिय्याह को लेकर जो सोलह वर्ष का था, उसके पिता अमस्याह के स्थान पर राजा बनाया। जब राजा अमस्याह अपने पुरखाओं के संग सो गया तब उज्जिय्याह ने एलोत नगर को दृढ़ कर के यहूदा में फिर मिला लिया। जब उज्जिय्याह राज्य करने लगा, तब वह सोलह वर्ष का था और यरूशलेम में बावन वर्ष तक राज्य करता रहा। उसकी माता का नाम यकील्याह था, जो यरूशलेम की थी। जैसे उसका पिता अमस्याह, किया करता था वैसा ही उसने भी किया जो यहोवा की दृष्‍टि में ठीक था। जकर्याह के दिनों में जो परमेश्‍वर के दर्शन के विषय समझ रखता था, वह परमेश्‍वर की खोज में लगा रहता था; और जब तक वह यहोवा की खोज में लगा रहा, तब तक परमेश्‍वर ने उसको सफलता दी। तब उसने जाकर पलिश्तियों से युद्ध किया, और गत, यब्ने और अशदोद की शहरपनाहें गिरा दीं, और अशदोद के आसपास और पलिश्तियों के बीच में नगर बसाए। परमेश्‍वर ने पलिश्तियों और गूर्बालवासी, अरबियों और मूनियों के विरुद्ध उसकी सहायता की। अम्मोनी उज्जिय्याह को भेंट देने लगे, वरन् उसकी कीर्ति मिस्र की सीमा तक भी फैल गई, क्योंकि वह अत्यन्त सामर्थी हो गया था। फिर उज्जिय्याह ने यरूशलेम में कोने के फाटक और तराई के फाटक और शहरपनाह के मोड़ पर गुम्मट बनवाकर दृढ़ किए। उसके पास बहुत से जानवर थे, इसलिये उसने जँगल में और नीचे के देश और चौरस देश में गुम्मट बनवाए और बहुत से हौद खुदवाए, और पहाड़ों पर और कर्मेल में उसके किसान और दाख की बारियों के माली थे, क्योंकि वह खेती किसानी करनेवाला था। फिर उज्जिय्याह के योद्धाओं की एक सेना थी जिनकी गिनती यीएल मुंशी और मासेयाह सरदार, हनन्याह नामक राजा के एक हाकिम की आज्ञा से करते थे, और उसके अनुसार वह दल बाँधकर लड़ने को जाती थी। पितरों के घरानों के मुख्य मुख्य पुरुष जो शूरवीर थे, उनकी पूरी गिनती दो हज़ार छ: सौ थी। उनके अधिकार में तीन लाख साढ़े सात हज़ार की एक बड़ी सेना थी, जो शत्रुओं के विरुद्ध राजा की सहायता करने को बड़े बल से युद्ध करनेवाले थे। इनके लिये अर्थात् पूरी सेना के लिये उज्जिय्याह ने ढालें, भाले, टोप, झिलम, धनुष और गोफन के पत्थर तैयार किए। फिर उसने यरूशलेम में गुम्मटों और कंगूरों पर रखने को चतुर पुरुषों के निकाले हुए यंत्र भी बनवाए जिनके द्वारा तीर और बड़े बड़े पत्थर फेंके जाते थे। उसकी कीर्ति दूर दूर तक फैल गई, क्योंकि उसे अद्भुत सहायता यहाँ तक मिली कि वह सामर्थी हो गया।