वह उससे कह ही रहा था कि उसने उससे पूछा, “क्या हम ने तुझे राजमन्त्री ठहरा दिया है? चुप रह! क्या तू मरना चाहता है?” तब वह नबी यह कहकर चुप हो गया, “मुझे मालूम है कि परमेश्वर ने तेरा नाश करना ठान लिया है, क्योंकि तू ने ऐसा किया है और मेरी सम्मति नहीं मानी।” तब यहूदा के राजा अमस्याह ने सम्मति लेकर, इस्राएल के राजा यहोआश के पास, जो येहू का पोता और यहोआहाज का पुत्र था, यों कहला भेजा, “आ हम एक दूसरे का सामना करें।” इस्राएल के राजा यहोआश ने यहूदा के राजा अमस्याह के पास यों कहला भेजा, “लबानोन पर की एक झड़बेरी ने लबानोन के एक देवदारु के पास कहला भेजा, ‘अपनी बेटी मेरे बेटे को ब्याह दे;’ इतने में लबानोन का कोई वन पशु पास से चला गया और उस झड़बेरी को रौंद डाला। तू कहता है कि मैं ने एदोमियों को जीत लिया है; इस कारण तू फूल उठा और डींग मारता है! अपने घर में रह जा; तू अपनी हानि के लिये यहाँ क्यों हाथ डालता है, इससे तू क्या, वरन् यहूदा भी नीचा खाएगा।” परन्तु अमस्याह ने न माना। यह तो परमेश्वर की ओर से हुआ कि वह उन्हें उनके शत्रुओं के हाथ कर दे, क्योंकि वे एदोम के देवताओं की खोज में लग गए थे। तब इस्राएल के राजा यहोआश ने चढ़ाई की और उसने और यहूदा के राजा अमस्याह ने यहूदा देश के बेतशेमेश में एक दूसरे का सामना किया। यहूदा इस्राएल से हार गया, और हर एक अपने अपने डेरे को भागा। तब इस्राएल के राजा यहोआश ने यहूदा के राजा अमस्याह को, जो यहोआहाज का पोता और योआश का पुत्र था, बेतशेमेश में पकड़ा और यरूशलेम को ले गया और यरूशलेम की शहरपनाह को, एप्रैमी फाटक से कोनेवाले फाटक तक, चार सौ हाथ गिरा दिया। जितना सोना चाँदी और जितने पात्र परमेश्वर के भवन में ओबेदेदोम के पास मिले, और राजभवन में जितना खजाना था, उस सब को और बन्धक लोगों को भी लेकर वह शोमरोन को लौट गया। यहोआहाज के पुत्र इस्राएल के राजा यहोआश के मरने के बाद योआश का पुत्र यहूदा का राजा अमस्याह पन्द्रह वर्ष तक जीवित रहा। आदि से अन्त तक अमस्याह के और काम, क्या यहूदा और इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं? जिस समय अमस्याह यहोवा के पीछे चलना छोड़कर फिर गया था उस समय से यरूशलेम में उसके विरुद्ध द्रोह की गोष्ठी होने लगी, और वह लाकीश को भाग गया। अत: दूतों ने लाकीश तक उसका पीछा कर के, उसको वहीं मार डाला। तब वह घोड़ों पर रखकर पहुँचाया गया और उसे उसके पुरखाओं के बीच यहूदा के नगर में मिट्टी दी गई।
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सभी संस्करणों की तुलना करें: 2 इतिहास 25:16-28
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2 इतिहास में, हमें उन कहानियों पर एक अलग दृष्टिकोण मिलता है जो हमने इज़राइल के पिछले राजाओं और भविष्यवक्ताओं के बारे में सुनी हैं। जब आप ऑडियो अध्ययन सुनते हैं और भगवान के वचन से चुनिंदा छंद पढ़ते हैं, तो 2 इतिहास के माध्यम से दैनिक यात्रा करें।
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