1 राजाओं 8:1-21

1 राजाओं 8:1-21 HINOVBSI

तब सुलैमान ने इस्राएली पुरनियों को और गोत्रों के सब मुख्य पुरुषों को भी जो इस्राएलियों के पूर्वजों के घरानों के प्रधान थे, यरूशलेम में अपने पास इस विचार से इकट्ठा किया, कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर अर्थात् सिय्योन से ऊपर ले आएँ। अत: सब इस्राएली पुरुष एतानीम नामक सातवें महीने के पर्व के समय राजा सुलैमान के पास इकट्ठे हुए। जब सब इस्राएली पुरनिये आए, तब याजकों ने सन्दूक को उठा लिया। और यहोवा का सन्दूक, और मिलाप का तम्बू, और जितने पवित्र पात्र उस तम्बू में थे, उन सभों को याजक और लेवीय लोग ऊपर ले गए। और राजा सुलैमान और समस्त इस्राएली मंडली, जो उसके पास इकट्ठी हुई थी, वे सब सन्दूक के सामने इतने भेड़ और बैल बलि कर रहे थे, जिनकी गिनती किसी रीति से नहीं हो सकती थी। तब याजकों ने यहोवा की वाचा का सन्दूक उसके स्थान को अर्थात् भवन के पवित्र–स्थान में, जो परमपवित्र स्थान है, पहुँचाकर करूबों के पंखों के नीचे रख दिया। करूब सन्दूक के स्थान के ऊपर पंख ऐसे फैलाए हुए थे कि वे ऊपर से सन्दूक और उसके डंडों को ढाँके थे। डंडे तो इतने लंबे थे, कि उनके सिरे उस पवित्र–स्थान से जो पवित्र–स्थान के सामने था दिखाई पड़ते थे परन्तु बाहर से वे दिखाई नहीं पड़ते थे। वे आज के दिन तक यहीं हैं। सन्दूक में कुछ नहीं था, उन दो पटियों को छोड़ जो मूसा ने होरेब में उसके भीतर उस समय रखीं, जब यहोवा ने इस्राएलियों के मिस्र से निकलने पर उनके साथ वाचा बाँधी थी। जब याजक पवित्रस्थान से बाहर निकले, तब यहोवा के भवन में बादल भर गया, और बादल के कारण याजक सेवा टहल करने को खड़े न रह सके, क्योंकि यहोवा का तेज यहोवा के भवन में भर गया था। तब सुलैमान कहने लगा, “यहोवा ने कहा था कि मैं घोर अंधकार में वास किए रहूँगा। सचमुच मैं ने तेरे लिये एक वासस्थान, वरन् ऐसा दृढ़ स्थान बनाया है, जिसमें तू युगानुयुग बना रहे।” तब राजा ने इस्राएल की पूरी सभा की ओर मुँह फेरकर उसको आशीर्वाद दिया; और पूरी सभा खड़ी रही। और उसने कहा, “धन्य है इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा! जिसने अपने मुँह से मेरे पिता दाऊद को यह वचन दिया था, और अपने हाथ से उसे पूरा किया है, ‘जिस दिन से मैं अपनी प्रजा इस्राएल को मिस्र से निकाल लाया, तब से मैं ने किसी इस्राएली गोत्र का कोई नगर नहीं चुना, जिस में मेरे नाम के निवास के लिये भवन बनाया जाए; परन्तु मैं ने दाऊद को चुन लिया कि वह मेरी प्रजा इस्राएल का अधिकारी हो।’ मेरे पिता दाऊद की यह इच्छा तो थी कि इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा के नाम का एक भवन बनाए। परन्तु यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कहा, ‘यह जो तेरी इच्छा है कि यहोवा के नाम का एक भवन बनाए, ऐसी इच्छा करके तू ने भला तो किया; तौभी तू उस भवन को न बनाएगा; तेरा जो निज पुत्र होगा, वही मेरे नाम का भवन बनाएगा।’ यह जो वचन यहोवा ने कहा था, उसे उसने पूरा भी किया है, और मैं अपने पिता दाऊद के स्थान पर उठकर, यहोवा के वचन के अनुसार इस्राएल की गद्दी पर विराजमान हूँ, और इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा के नाम से इस भवन को बनाया है। और इसमें मैं ने एक स्थान उस सन्दूक के लिये ठहराया है, जिसमें यहोवा की वह वाचा है, जो उसने हमारे पुरखाओं से मिस्र देश से निकालने के समय उन से बाँधी थी।”