देखो, पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएँ; और हम हैं भी। इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने उसे भी नहीं जाना। हे प्रियो, अब हम परमेश्वर की सन्तान हैं, और अभी तक यह प्रगट नहीं हुआ कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं कि जब वह प्रगट होगा तो हम उसके समान होंगे, क्योंकि उसको वैसा ही देखेंगे जैसा वह है। और जो कोई उस पर यह आशा रखता है, वह अपने आप को वैसा ही पवित्र करता है जैसा वह पवित्र है। जो कोई पाप करता है, वह व्यवस्था का विरोध करता है; और पाप तो व्यवस्था का विरोध है। तुम जानते हो कि वह इसलिये प्रगट हुआ कि पापों को हर ले जाए; और उसके स्वभाव में पाप नहीं। जो कोई उसमें बना रहता है, वह पाप नहीं करता : जो कोई पाप करता है, उसने न तो उसे देखा है और न उसको जाना है। हे बालको, किसी के भरमाने में न आना। जो धर्म के काम करता है, वही उस के समान धर्मी है। जो कोई पाप करता है वह शैतान की ओर से है, क्योंकि शैतान आरम्भ ही से पाप करता आया है। परमेश्वर का पुत्र इसलिये प्रगट हुआ कि शैतान के कामों का नाश करे। जो कोई परमेश्वर से जन्मा है वह पाप नहीं करता; क्योंकि उसका बीज उसमें बना रहता है, और वह पाप कर ही नहीं सकता क्योंकि परमेश्वर से जन्मा है। इसी से परमेश्वर की सन्तान और शैतान की सन्तान जाने जाते हैं; जो कोई धर्म के काम नहीं करता वह परमेश्वर से नहीं, और न वह जो अपने भाई से प्रेम नहीं रखता।
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पांच दिन
पांच दिन डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ बिताएं, जो RREACH के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं, जो एक पासबान के दृष्टिकोण को रखते हुए बताएंगे कि किस प्रकार से परेशानियां और दुर्घटनाएं विश्वासियों की "पहचान की जांच" करती हैं। अन्ततः, त्रीएक मसीही विश्वास की छाया और सशक्तीकरण में जीवन व्यतीत करने की हमें आज़ादी है। यह 3 भागों में से पहला 1भाग है।
7 दिन
आप परमेश्वर को कैसे देखते हैं? इस प्रश्न का उत्तर आपको, आपके विश्वास, आत्म-धारणा, स्वभाव, रिश्ते व लक्ष्य को एक आकार प्रदान करता है। परमेश्वर के सम्बन्ध में एक अनुचित धारणा आपके जीवन को हमेशा के लिए जटिल बना सकती है। इसका अर्थ है कि सच्चे परमेश्वर को दूर दृष्टि से देख पाना बुद्धिमानी है - अर्थात उसकी मनसा के अनुसार देखना - आपका जीवन शक्तिशाली ढंग से बदल जाएगा।
12 Days
Everyone wants to know what true love is. But few people look at what the Bible says about love. Love is one of the central themes of Scripture and the most essential virtue of the Christian life. This plan from Thistlebend Ministries explores the biblical meaning of love and how to love God better and love others.
25 दिन
जॉन के इस पहले पत्र में कोई बीच का रास्ता नहीं है - या तो हम प्रकाश या अंधकार, सत्य को झूठ, प्रेम या घृणा को चुनते हैं; हम एक या दूसरे को गले लगाते हैं, ठीक वैसे ही जैसे हम या तो प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं या इनकार करते हैं।
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