क्योकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है। क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो क्या यूनानी, क्या दास हो क्या स्वतंत्र, एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम सब को एक ही आत्मा पिलाया गया। इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं परन्तु बहुत से हैं। यदि पाँव कहे, “मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं,” तो क्या वह इस कारण देह का नहीं? और यदि कान कहे, “मैं आँख नहीं, इसलिये देह का नहीं,” तो क्या वह इस कारण देह का नहीं है? यदि सारी देह आँख ही होती तो सुनना कहाँ होता? यदि सारी देह कान ही होती, तो सूँघना कहाँ होता? परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगों को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है। यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहाँ होती? परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।
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कॉल एक 3-दिवसीय यात्रा है जो परमेश्वर की बुलाहट का जवाब देने और मसीह की मंडली में प्रत्येक व्यक्ति के महत्व को पहचानकर ऑनलाइन और ऑफलाइन दुनिया में उसके प्यार को साझा करने और हम जहां हैं वहीं से शुरू करके दूसरों की बेहतर सेवा करने के लिए अपने वरदानों और प्रतिभाओं का उपयोग करने पर केंद्रित है।
24 दिन
"एक ईसाई को कैसे जीना चाहिए?" क्या कुरिन्थियों को लिखे पहले पत्र में इस विषय को संबोधित किया गया है, जो युवा ईसाइयों के सामने आने वाली समस्याओं पर व्यावहारिक देखभाल और सुधार देता है। जब आप ऑडियो अध्ययन सुनते हैं और भगवान के वचन से चुनिंदा छंद पढ़ते हैं, तो 1 कुरिन्थियों के माध्यम से दैनिक यात्रा करें।
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