तीतुस 2:1-10

तीतुस 2:1-10 HINCLBSI

तुम ऐसी बातें सिखाओ, जो हितकारी शिक्षा के अनुकूल हों। वृद्धों को समझाओ कि उन्‍हें संयमी, गम्‍भीर एवं समझदार होना चाहिए और विश्‍वास, भ्रातृ-प्रेम एवं धैर्य में परिपक्‍व। इसी प्रकार वृद्धाओं का आचरण प्रभु-भक्‍तों के अनुरूप हो। वे किसी की झूठी निन्‍दा न करें और न मदिरा की व्‍यसनी हों। वे अपने सदाचरण द्वारा तरुण स्‍त्रियों को ऐसी शिक्षा दें कि वे अपने पति और अपने बच्‍चों को प्‍यार करें, समझदार, शुद्ध और सुशील हों, अपने घर का अच्‍छा प्रबन्‍ध करें और अपने पति के अधीन रहें, जिससे लोग परमेश्‍वर के शुभ-संदेश की निन्‍दा न कर सकें। नवयुवकों को समझाओ कि वे सब बातों में संयम से रहें और तुम स्‍वयं अपने भले कार्यों से उन्‍हें अच्‍छा उदाहरण दो। तुम्‍हारी शिक्षा प्रामाणिक और गम्‍भीर हो। तुम्‍हारे उपदेश हितकर और अनिन्‍दनीय हों। इस प्रकार विरोधी किसी भी बात के विषय में हमारी निन्‍दा न कर सकने के कारण लज्‍जित होगा। दासों को समझाओ कि वे सब बातों में अपने स्‍वामियों के अधीन रहें, उनको संतुष्‍ट रखें; आपत्ति किये बिना उनकी आज्ञाएँ मानें और चोरी-चालाकी नहीं करें, बल्‍कि अपने को पूर्ण रूप से विश्‍वसनीय प्रमाणित करें। यह सब करने से वे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर की हितकारी शिक्षा की प्रतिष्‍ठा बढ़ायेंगे।

YouVersion आपके अनुभव को वैयक्तिकृत करने के लिए कुकीज़ का उपयोग करता है। हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारी गोपनीयता नीति में वर्णित कुकीज़ के हमारे उपयोग को स्वीकार करते हैं।