रोमियों 13:8-14

रोमियों 13:8-14 HINCLBSI

पारस्‍परिक प्रेम का ऋण छोड़ कर और किसी बात में किसी के ऋणी न बनें। जो दूसरों को प्‍यार करता है, उसने व्‍यवस्‍था का पूर्ण रूप से पालन किया है। उदाहरणार्थ, ‘व्‍यभिचार मत करो, हत्‍या मत करो, चोरी मत करो, लालच मत करो’—इनका तथा अन्‍य सभी दूसरी आज्ञाओं का सारांश यह है : अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करो। प्रेम पड़ोसी के साथ अन्‍याय नहीं करता। इसलिए जो प्रेम करता है, वह व्‍यवस्‍था को परिपूर्ण करता है। आप समय पहचानते हैं। आप जानते हैं कि नींद से जागने की घड़ी आ गयी है। जिस समय हमने विश्‍वास किया था, उस समय की अपेक्षा अब हमारी मुक्‍ति अधिक निकट है। रात प्राय: बीत चुकी है, दिन निकलने को है; इसलिए हम, अन्‍धकार के कर्मों को त्‍याग कर, ज्‍योति के शस्‍त्र धारण कर लें। हम दिन के योग्‍य सदाचरण करें। हम रंगरेलियों और नशेबाजी, व्‍यभिचार और भोगविलास, झगड़े और ईष्‍र्या से दूर रहें। आप प्रभु येशु मसीह को धारण करें और शरीर की वासनाएँ तृप्‍त करने का विचार छोड़ दें।

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