भजन संहिता 78:17-21

भजन संहिता 78:17-21 HINCLBSI

फिर भी वे परमेश्‍वर के विरुद्ध पाप-पर- पाप करते रहे, शुष्‍क प्रदेश में सर्वोच्‍च प्रभु का विरोध करते रहे। उन्‍होंने अपनी अभिलाषा-पूर्ति के लिए अपने हृदय में परमेश्‍वर की परीक्षा की। वे परमेश्‍वर के विरुद्ध यह कहने लगे, “क्‍या ईश्‍वर निर्जन-प्रदेश में भोजन की व्‍यवस्‍था कर सकता है? उसने चट्टान को मारा तो जल बहने लगा था; जलधाराएं उमड़ने लगी थीं; पर क्‍या वह रोटी भी दे सकता है? क्‍या वह अपने निज लोगों के लिए मांस का प्रबन्‍ध कर सकता है?” अत: प्रभु यह सुनकर अत्‍यन्‍त क्रोधित हुआ, याकूब के प्रति उसकी क्रोधाग्‍नि भड़क उठी, इस्राएल के विरुद्ध उसका कोप धधकने लगा।