भजन संहिता 25:6-7
भजन संहिता 25:6-7 HINCLBSI
हे प्रभु, अपनी अनुकंपा को, अपनी करुणा को स्मरण कर; क्योंकि तू उनको युग-युगांत से प्रकट करता रहा है। हे प्रभु, अपनी भलाई के कारण मेरे यौवन के पापों और अपराधों को स्मरण न कर; किन्तु अपनी करुणा के अनुरूप मेरी सुधि ले।

