भजन संहिता 22:14-24

भजन संहिता 22:14-24 HINCLBSI

मैं जल के सदृश उण्‍डेला गया हूँ; मेरी अस्‍थियाँ जोड़ से उखड़ गई हैं; मेरा हृदय मोम-सा बन गया है; वह मेरी छाती के भीतर पिघल गया है। मेरा कंठ ठीकरे के समान सूख गया है और मेरी जीभ तालू से चिपक गई है; तू मुझे मृत्‍यु की धूल में मिला रहा है। कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों की भीड़ ने चारों ओर घेरा डाला है; उन्‍होंने मेरे हाथ-पैर बेध डाले हैं। मैं अपनी एक-एक हड्डी गिन सकता हूँ। वे घूरते हुए मुझ पर दृष्‍टि डालते हैं। उन्‍होंने मेरे कपड़े आपस में बाँट लिए, और मेरे वस्‍त्र पर चिट्ठी डाली। परन्‍तु प्रभु, तू न रह। हे मेरे शक्‍तिशाली प्रभु, अविलम्‍ब मेरी सहायता कर। तलवार से मेरे प्राणों की, कुत्ते के पंजे से मेरे इस एक ही जीवन की रक्षा कर। मुझे सिंह के मुँह से, मेरे पीड़ित प्राण को, सांड़ के सींग से बचा। मैं अपने भाई-बहिनों में तेरा नाम घोषित करूँगा। मैं मंडली के मध्‍य तेरी स्‍तुति करूँगा; प्रभु के भक्‍तो, उसकी स्‍तुति करो! याकूब के वंशजो, उसकी स्‍तुति करो! इस्राएल के वंशजो, उसकी भक्‍ति करो! क्‍योंकि प्रभु ने पीड़ित व्यक्‍ति की पीड़ा का तिरस्‍कार नहीं किया, और न उसे घृणित ही समझा; उसने पीड़ित से अपना मुख नहीं छिपाया; किन्‍तु जब पीड़ित व्यक्‍ति ने प्रभु की दुहाई दी, तब उसने उसको सुना।