घर छोड़कर चला जानेवाला आदमी उस पक्षी की तरह भटकता है, जो अपने घोंसले से दूर चला गया है। तेल और इत्र से हृदय प्रसन्न होता है; किन्तु संकट से मन घबरा जाता है। अपने मित्र को, और अपने पिता के मित्र को कभी मत छोड़ना; अपने संकट के दिन अपने भाई के घर में पैर मत रखना। दूर रहनेवाले भाई से पास रहनेवाला पड़ोसी उत्तम है। मेरे पुत्र, बुद्धिमान बन, जिससे मेरा हृदय आनन्दित हो, और मैं उस मनुष्य का मुंह बन्द कर सकूं जो तेरे कारण मेरी निन्दा करता है। चतुर मनुष्य खतरे को देखकर स्वयं को छिपा लेता है; पर भोला मनुष्य खतरे के मुंह में चला जाता है, और कष्ट भोगता है।
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