मूर्ख मनुष्य का साथ छोड़ दे; उसकी संगति में तुझे ज्ञान की बातें नहीं मिलेंगी। विवेकी मनुष्य की बुद्धि क्या है? अपने मार्ग को पहचानना; परन्तु मूर्खो की मूर्खता केवल धोखा देना है। परमेश्वर दुर्जन को ठुकराता है, पर धार्मिक व्यक्ति उसकी कृपा का पात्र बनता है। केवल हृदय अपनी पीड़ा को जानता है; पर उसके आनन्द में भी दूसरा साझी नहीं हो सकता। दुर्जन का मकान ढह जाता है, पर धार्मिक मनुष्य का डेरा आबाद रहता है। एक ऐसा भी मार्ग है, जो मनुष्य को उचित प्रतीत होता है; किन्तु वह पथिक को मृत्यु के द्वार पर पहुंचाता है। हंसी के समय भी हृदय उदास होता है; आनन्द का अन्त भी दु:ख होता है। कुटिल मनुष्य को अपने दुराचरण का फल निस्सन्देह भोगना पड़ता है; पर सज्जन को उसके सत्कर्मों का पुरस्कार मिलता है सीधा-सादा मनुष्य हर बात पर विश्वास कर लेता है, किन्तु चतुर मनुष्य फूंक-फूंक कर कदम रखता है बुद्धिमान मनुष्य सावधान रहता, और बुराई से बचता है, किन्तु मूर्ख मनुष्य लापरवाह होता, और ढीठ बनकर दुराचरण करता है।
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