फिलिप्पियों 2:1-18

फिलिप्पियों 2:1-18 HINCLBSI

यदि आप लोगों के लिए मसीह में सांत्‍वना, प्रेम से उत्‍प्रेरणा तथा पवित्र आत्‍मा की सहभागिता कुछ महत्‍व रखती हो, यदि हार्दिक अनुराग तथा सहानुभूति का कुछ अर्थ हो, तो आप लोग एकचित्त, एकहृदय तथा एकमत हो कर प्रेम के सूत्र में बँध जायें और इस प्रकार मेरा आनन्‍द परिपूर्ण कर दें। आप दलबन्‍दी तथा मिथ्‍याभिमान से दूर रहें। हर व्यक्‍ति नम्रतापूर्वक दूसरों को अपने से श्रेष्‍ठ समझे। कोई भी केवल अपने हित का नहीं, बल्‍कि दूसरों के हित का भी ध्‍यान रखे। आप लोग अपने मनोभावों को येशु मसीह के मनोभावों के अनुसार बना लें: यद्यपि मसीह परमेश्‍वर-स्‍वरूप थे, फिर भी उन्‍होंने परमेश्‍वर के तुल्‍य होने को अपने अधिकार में करने की वस्‍तु नहीं समझा; वरन् दास का स्‍वरूप ग्रहण कर उन्‍होंने अपने को रिक्‍त कर दिया, और वह मनुष्‍यों के समान बन गए। मानवीय रूप में प्रकट होकर मसीह ने अपने को दीन बना लिया और यहाँ तक आज्ञाकारी रहे कि मृत्‍यु, हाँ क्रूस की मृत्‍यु भी, स्‍वीकार की। इसलिए परमेश्‍वर ने उन्‍हें अत्‍यन्‍त उन्नत किया और उनको वह नाम प्रदान किया जो सब नामों में श्रेष्‍ठ है, जिससे येशु के नाम पर स्‍वर्ग, पृथ्‍वी तथा अधोलोक के सब निवासी घुटने टेकें और पिता-परमेश्‍वर की महिमा के लिए सब लोग यह स्‍वीकार करें कि येशु मसीह प्रभु हैं। मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! जिस प्रकार आप लोग सदा मेरी बात मानते रहे हैं, उसी प्रकार अब भी-मेरी उपस्‍थिति से अधिक मेरी अनुपस्‍थिति में और भी अधिक उत्‍साह से आप लोग डरते-काँपते हुए अपनी मुक्‍ति के कार्य में लगे रहें। परमेश्‍वर अपना प्रेमपूर्ण उद्देश्‍य पूरा करने के लिए आप लोगों में सद् इच्‍छा भी उत्‍पन्न करता और उसके अनुसार कार्य करने का बल भी प्रदान करता है। आप लोग बिना भुनभुनाए और बिना बहस किये अपने सब कर्त्तव्‍य पूरा करें, जिससे आप निष्‍कपट और निर्दोष बने रहें और इस कुटिल एवं पथभ्रष्‍ट पीढ़ी के बीच परमेश्‍वर की निष्‍कलंक सन्‍तान बन कर आकाश के तारों की तरह चमकें और जीवन के वचन पर अटल रहें। इस प्रकार मैं मसीह के आगमन के दिन के लिए इस बात पर गर्व कर सकूँगा कि मेरी दौड़-धूप और मेरा परिश्रम व्‍यर्थ नहीं हुआ। यदि मुझे आपके विश्‍वास-रूपी यज्ञ और जन-सेवा में अपने प्राण की आहुति भी देनी पड़ेगी, तो मैं आनन्‍दित होऊंगा और आप सब के साथ आनन्‍द मनाऊंगा। आप भी इसी कारण आनन्‍दित हों और मेरे साथ आनन्‍द मनायें।

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