जन-गणना 14:1-9

जन-गणना 14:1-9 HINCLBSI

तब समस्‍त इस्राएली मंडली उच्‍च स्‍वर में भय से चिल्‍ला उठी। लोग रात-भर रोते रहे। सब इस्राएली मूसा और हारून के विरुद्ध बक-बक करने लगे। उन्‍होंने मूसा और हारून से कहा, ‘भला होता कि हम मिस्र देश में मर जाते! अथवा इसी निर्जन प्रदेश में मर जाते! क्‍यों प्रभु हमें उस देश में ले जाना चाहता है? क्‍या तलवार से मार डालने के लिए? वे हमारी पत्‍नियों और बच्‍चों को हम से लूट लेंगे। यह हमारे लिए अच्‍छा है कि हम मिस्र देश को लौट जाएँ।’ उन्‍होंने आपस में कहा, ‘आओ, हम किसी व्यक्‍ति को नेता चुन लें और मिस्र देश लौट जाएँ।’ मूसा और हारून समस्‍त इस्राएली मंडली की धर्म-सभा के सम्‍मुख मुंह के बल गिर पड़े। यहोशुअ बेन-नून तथा कालेब बेन-यपून्ने ने, जो कनान देश का भेद लेने वालों में से थे, अपने वस्‍त्र फाड़कर समस्‍त इस्राएली मंडली से कहा, ‘जिस देश का भेद लेने के लिए हम गए थे, वह अत्‍यन्‍त उपजाऊ देश है। यदि प्रभु हम पर प्रसन्न होगा तो वह हमें उस देश में प्रवेश कराएगा। वह हमें उस देश को प्रदान करेगा जहाँ दूध और शहद की नदियाँ बहती हैं। किन्‍तु शर्त यह है कि तुम, प्रभु के विरुद्ध विद्रोह मत करो। तुम उस देश के लोगों से मत डरो; क्‍योंकि वे तो हमारे लिए मात्र रोटी सदृश हैं और हम उनको आसानी से निगल सकते हैं। उन पर से संरक्षण की छाया हट चुकी है और प्रभु हमारे साथ है। उन लोगों से मत डरो।’