मारकुस 5:1-10

मारकुस 5:1-10 HINCLBSI

वे झील के उस पार गेरासेनियों के प्रदेश में आए। येशु ज्‍यों ही नाव से उतरे, एक अशुद्धात्‍मा-ग्रस्‍त मनुष्‍य मकबरों से निकल कर उनके पास आया। वह मकबरों में रहा करता था। अब कोई उसे जंजीर से भी नहीं बाँध पाता था; क्‍योंकि वह बारम्‍बार बेड़ियों और जंजीरों से बाँधा गया था, किन्‍तु उसने जंजीरों को तोड़ डाला और बेड़ियों को टुकड़े-टुकड़े कर दिया था। उसे कोई भी वश में नहीं रख पाता था। वह दिन-रात निरन्‍तर मकबरों में और पहाड़ों पर चिल्‍लाता और पत्‍थरों से अपने को घायल करता था। वह येशु को दूर से देख कर दौड़ता हुआ आया और उन्‍हें दण्‍डवत् कर ऊंचे स्‍वर से चिल्‍लाया, “हे येशु! सर्वोच्‍च परमेश्‍वर के पुत्र! मुझ से आप को क्‍या काम? आप को परमेश्‍वर की शपथ, मुझे न सताइए।” क्‍योंकि येशु उससे कह रहे थे, “अशुद्ध आत्‍मा! इस मनुष्‍य से निकल जा।” येशु ने उससे पूछा, “तेरा नाम क्‍या है?” उसने उत्तर दिया, “मेरा नाम ‘सेना’ है, क्‍योंकि हम बहुत हैं।” और वह येशु से बहुत अनुनय-विनय करता रहा कि हमें इस प्रदेश से नहीं निकालिए।

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