मारकुस 13:21-37

मारकुस 13:21-37 HINCLBSI

“यदि उस समय कोई तुम लोगों से कहे ‘देखो, मसीह यहाँ हैं’, अथवा ‘देखो, वह वहाँ हैं’, तो विश्‍वास नहीं करना; क्‍योंकि झूठे मसीह तथा झूठे नबी प्रकट होंगे और ऐसे चिह्‍न तथा चमत्‍कार दिखाएँगे कि यदि सम्‍भव हो तो चुने हुए लोगों को बहका दें। तुम सावधान रहना। मैंने तुम्‍हें पहले ही सब कुछ बता दिया है। “उन दिनों इस संकट के बाद सूर्य अन्‍धकारमय हो जाएगा, चन्‍द्रमा प्रकाश नहीं देगा, तारे आकाश से गिरने लगेंगे और आकाश की शक्‍तियाँ विचलित हो जाएँगी। तब लोग मानव-पुत्र को अपार सामर्थ्य और महिमा के साथ बादलों पर आते हुए देखेंगे। वह अपने दूतों को भेजेगा और पृथ्‍वी के इस छोर से आकाश के उस छोर तक चारों दिशाओं से अपने चुने हुए लोगों को एकत्र करेगा। “अंजीर के पेड़ से यह शिक्षा लो। जैसे ही उसकी टहनियाँ कोमल हो जाती हैं और उन में अंकुर फूटने लगते हैं, तो तुम जान जाते हो कि ग्रीष्‍मकाल निकट है। इसी तरह, जब तुम इन बातों को होते देखोगे, तो जान लेना कि वह निकट है, वरन् द्वार पर ही है। मैं तुम से सच कहता हूँ : इस पीढ़ी का अन्‍त नहीं होगा जब तक ये सब बातें घटित नहीं हो जाएँगी। आकाश और पृथ्‍वी टल जाएँ, तो टल जाएँ, परन्‍तु मेरे शब्‍द कदापि नहीं टल सकते। “उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता−न स्‍वर्ग के दूत और न पुत्र। केवल पिता ही जानता है। “सावधान रहो। जागते रहो, क्‍योंकि तुम नहीं जानते कि वह समय कब आएगा। यह कुछ ऐसा है, जैसे कोई मनुष्‍य अपना घर छोड़कर विदेश चला गया हो। उसने अपने घर का भार अपने सेवकों को सौंप दिया हो, हर एक को उसका काम बता दिया हो और द्वारपाल को जागते रहने का आदेश दिया हो। तुम नहीं जानते कि घर का स्‍वामी कब आएगा−शाम को, आधी रात को, मुर्गे के बाँग देते समय अथवा प्रात:काल। इसलिए जागते रहो। कहीं ऐसा न हो कि वह अचानक आ जाए और तुम्‍हें सोता हुआ पाए। जो बात मैं तुम से कहता हूँ, वही सब से कहता हूँ : जागते रहो!”

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