मत्ती 5:3-12

मत्ती 5:3-12 HINCLBSI

“धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं; क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है। धन्‍य हैं वे, जो शोक करते हैं; क्‍योंकि उन्‍हें सान्‍त्‍वना मिलेगी। धन्‍य हैं वे जो नम्र हैं; क्‍योंकि वे पृथ्‍वी के अधिकारी होंगे। धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्‍यासे हैं; क्‍योंकि वे तृप्‍त किये जाएँगे। धन्‍य हैं वे, जो दयालु हैं; क्‍योंकि उन पर दया की जाएगी। धन्‍य हैं वे, जिनका हृदय निर्मल है; क्‍योंकि वे परमेश्‍वर के दर्शन करेंगे। धन्‍य हैं वे, जो मेल-मिलाप कराते हैं; क्‍योंकि वे परमेश्‍वर की संतान कहलाएँगे। धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्‍याचार सहते हैं; क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है। “धन्‍य हो तुम, जब लोग मेरे कारण तुम्‍हारा अपमान करते हैं, तुम पर अत्‍याचार करते और तरह-तरह के झूठे दोष लगाते हैं। खुश हो और आनन्‍द मनाओ; क्‍योंकि स्‍वर्ग में तुम्‍हें महान पुरस्‍कार प्राप्‍त होगा। तुम्‍हारे पहले के नबियों पर भी उन्‍होंने इसी तरह अत्‍याचार किया था।

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मत्ती 5:3-12 - “धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं;
क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है।
धन्‍य हैं वे, जो शोक करते हैं;
क्‍योंकि उन्‍हें सान्‍त्‍वना मिलेगी।
धन्‍य हैं वे जो नम्र हैं;
क्‍योंकि वे पृथ्‍वी के अधिकारी होंगे।
धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और
प्‍यासे हैं;
क्‍योंकि वे तृप्‍त किये जाएँगे।
धन्‍य हैं वे, जो दयालु हैं;
क्‍योंकि उन पर दया की जाएगी।
धन्‍य हैं वे, जिनका हृदय निर्मल है;
क्‍योंकि वे परमेश्‍वर के दर्शन करेंगे।
धन्‍य हैं वे, जो मेल-मिलाप कराते हैं;
क्‍योंकि वे परमेश्‍वर की संतान कहलाएँगे।
धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्‍याचार
सहते हैं;
क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है।
“धन्‍य हो तुम, जब लोग मेरे कारण तुम्‍हारा अपमान करते हैं, तुम पर अत्‍याचार करते और तरह-तरह के झूठे दोष लगाते हैं। खुश हो और आनन्‍द मनाओ; क्‍योंकि स्‍वर्ग में तुम्‍हें महान पुरस्‍कार प्राप्‍त होगा। तुम्‍हारे पहले के नबियों पर भी उन्‍होंने इसी तरह अत्‍याचार किया था।मत्ती 5:3-12 - “धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं;
क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है।
धन्‍य हैं वे, जो शोक करते हैं;
क्‍योंकि उन्‍हें सान्‍त्‍वना मिलेगी।
धन्‍य हैं वे जो नम्र हैं;
क्‍योंकि वे पृथ्‍वी के अधिकारी होंगे।
धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और
प्‍यासे हैं;
क्‍योंकि वे तृप्‍त किये जाएँगे।
धन्‍य हैं वे, जो दयालु हैं;
क्‍योंकि उन पर दया की जाएगी।
धन्‍य हैं वे, जिनका हृदय निर्मल है;
क्‍योंकि वे परमेश्‍वर के दर्शन करेंगे।
धन्‍य हैं वे, जो मेल-मिलाप कराते हैं;
क्‍योंकि वे परमेश्‍वर की संतान कहलाएँगे।
धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्‍याचार
सहते हैं;
क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है।
“धन्‍य हो तुम, जब लोग मेरे कारण तुम्‍हारा अपमान करते हैं, तुम पर अत्‍याचार करते और तरह-तरह के झूठे दोष लगाते हैं। खुश हो और आनन्‍द मनाओ; क्‍योंकि स्‍वर्ग में तुम्‍हें महान पुरस्‍कार प्राप्‍त होगा। तुम्‍हारे पहले के नबियों पर भी उन्‍होंने इसी तरह अत्‍याचार किया था।मत्ती 5:3-12 - “धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं;
क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है।
धन्‍य हैं वे, जो शोक करते हैं;
क्‍योंकि उन्‍हें सान्‍त्‍वना मिलेगी।
धन्‍य हैं वे जो नम्र हैं;
क्‍योंकि वे पृथ्‍वी के अधिकारी होंगे।
धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और
प्‍यासे हैं;
क्‍योंकि वे तृप्‍त किये जाएँगे।
धन्‍य हैं वे, जो दयालु हैं;
क्‍योंकि उन पर दया की जाएगी।
धन्‍य हैं वे, जिनका हृदय निर्मल है;
क्‍योंकि वे परमेश्‍वर के दर्शन करेंगे।
धन्‍य हैं वे, जो मेल-मिलाप कराते हैं;
क्‍योंकि वे परमेश्‍वर की संतान कहलाएँगे।
धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्‍याचार
सहते हैं;
क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है।
“धन्‍य हो तुम, जब लोग मेरे कारण तुम्‍हारा अपमान करते हैं, तुम पर अत्‍याचार करते और तरह-तरह के झूठे दोष लगाते हैं। खुश हो और आनन्‍द मनाओ; क्‍योंकि स्‍वर्ग में तुम्‍हें महान पुरस्‍कार प्राप्‍त होगा। तुम्‍हारे पहले के नबियों पर भी उन्‍होंने इसी तरह अत्‍याचार किया था।मत्ती 5:3-12 - “धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं;
क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है।
धन्‍य हैं वे, जो शोक करते हैं;
क्‍योंकि उन्‍हें सान्‍त्‍वना मिलेगी।
धन्‍य हैं वे जो नम्र हैं;
क्‍योंकि वे पृथ्‍वी के अधिकारी होंगे।
धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और
प्‍यासे हैं;
क्‍योंकि वे तृप्‍त किये जाएँगे।
धन्‍य हैं वे, जो दयालु हैं;
क्‍योंकि उन पर दया की जाएगी।
धन्‍य हैं वे, जिनका हृदय निर्मल है;
क्‍योंकि वे परमेश्‍वर के दर्शन करेंगे।
धन्‍य हैं वे, जो मेल-मिलाप कराते हैं;
क्‍योंकि वे परमेश्‍वर की संतान कहलाएँगे।
धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्‍याचार
सहते हैं;
क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है।
“धन्‍य हो तुम, जब लोग मेरे कारण तुम्‍हारा अपमान करते हैं, तुम पर अत्‍याचार करते और तरह-तरह के झूठे दोष लगाते हैं। खुश हो और आनन्‍द मनाओ; क्‍योंकि स्‍वर्ग में तुम्‍हें महान पुरस्‍कार प्राप्‍त होगा। तुम्‍हारे पहले के नबियों पर भी उन्‍होंने इसी तरह अत्‍याचार किया था।

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