मत्ती 24:29-51

मत्ती 24:29-51 HINCLBSI

“उन दिनों के संकट के तुरन्‍त बाद सूर्य अन्‍धकारमय हो जाएगा, चन्‍द्रमा प्रकाश नहीं देगा, तारे आकाश से गिर जाएँगे और आकाश की शक्‍तियाँ विचलित हो जाएँगी। तब आकाश में मानव-पुत्र का चिह्‍न दिखाई देगा। पृथ्‍वी की समस्‍त जातियाँ छाती पीटेंगी और मानव-पुत्र को सामर्थ्य और अपार महिमा के साथ आकाश के बादलों पर आते हुए देखेंगी। वह तुरही की तुमुल ध्‍वनि के साथ अपने दूतों को भेजेगा और वे चारों दिशाओं से, विश्‍व के कोने-कोने से, उसके चुने हुए लोगों को एकत्र करेंगे। “अंजीर के पेड़ से यह शिक्षा लो : जैसे ही उसकी टहनियाँ कोमल बन जाती हैं और उन में अंकुर फूटने लगते हैं, तो तुम जान जाते हो कि ग्रीष्‍मकाल निकट है। इसी तरह जब तुम ये सब घटनाएँ देखोगे, तब जान लेना कि वह निकट है, वरन् द्वार पर ही है। मैं तुम से सच कहता हूँ कि इस पीढ़ी का अन्‍त तब तक नहीं होगा जब तक ये सब बातें घटित नहीं हो जाएँगी। आकाश और पृथ्‍वी टल जाएँ, तो टल जाएँ, परन्‍तु मेरे शब्‍द कदापि नहीं टल सकते। “उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता − न स्‍वर्गदूत और न पुत्र। यह केवल पिता ही जानता है। “जैसा नूह के दिनों में हुआ था, वैसा ही मानव-पुत्र के आगमन के समय होगा। जलप्रलय होने के पहले, नूह के जलयान पर चढने के दिन तक, लोग खाते-पीते और शादी-ब्‍याह करते रहे। जब तक जलप्रलय नहीं आया और उसने सब को बहा नहीं दिया, तब तक किसी को इसका कुछ भी पता नहीं था। मानव-पुत्र के आगमन के समय वैसा ही होगा। उस समय दो पुरुष खेत में होंगे − एक उठा लिया जाएगा और दूसरा छोड़ दिया जाएगा। दो स्‍त्रियाँ चक्‍की पीसती होंगी − एक उठा ली जाएगी और दूसरी छोड़ दी जाएगी। “इसलिए जागते रहो, क्‍योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्‍हारे प्रभु किस दिन आएँगे। यह अच्‍छी तरह समझ लो : यदि घर के स्‍वामी को मालूम होता कि चोर रात के किस पहर आएगा, तो वह जागता रहता और अपने घर में सेंध लगने नहीं देता। इसलिए तुम भी तैयार रहो, क्‍योंकि जिस घड़ी की तुम कल्‍पना भी नहीं करते, उसी घड़ी मानव-पुत्र आ जाएगा। “वह विश्‍वास-पात्र और बुद्धिमान सेवक कौन है, जिसे उसके स्‍वामी ने अपने घर के अन्‍य सेवक-सेविकाओं पर नियुक्‍त किया है, ताकि वह निश्‍चित् समय पर उन्‍हें भोजन सामग्री बाँटा करे? धन्‍य है वह सेवक, जिसका स्‍वामी लौटने पर उसे ऐसा करता हुआ पाए! मैं तुम से सच कहता हूँ : वह उसे अपनी सारी सम्‍पत्ति पर अधिकारी नियुक्‍त करेगा। “परन्‍तु यदि वह दुष्‍ट सेवक अपने मन में कहे, ‘मेरा स्‍वामी देर कर रहा है।’ और वह अपने साथी-सेवकों को पीटने लगे और शराबियों के साथ खाए-पिये, तो उस सेवक का स्‍वामी ऐसे दिन आएगा, जब वह उसकी प्रतीक्षा नहीं कर रहा होगा और ऐसी घड़ी, जिसे वह नहीं जानता होगा। तब स्‍वामी उसे कठोर दंड देगा। इस प्रकार उसका अन्‍त वही होगा जो ढोंगियों का होता है। वहाँ वह रोएगा और दाँत पीसेगा।

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