लूकस 15:1-7

लूकस 15:1-7 HINCLBSI

येशु का उपदेश सुनने के लिए सब चुंगी-अधिकारी और पापी उनके पास आ रहे थे। फरीसी और शास्‍त्री यह देखकर भुनभुनाने लगे, “यह मनुष्‍य पापियों का स्‍वागत करता है और उनके साथ खाता-पीता है।” इस पर येशु ने उनको यह दृष्‍टान्‍त सुनाया, “यदि तुम में से किसी के पास एक सौ भेड़ें हों और उन में से एक खो जाए, तो क्‍या वह निन्‍यानबे भेड़ों को निर्जन प्रदेश में छोड़ कर नहीं जाता और उस खोई हुई भेड़ को तब तक नहीं खोजता रहता, जब तक वह उसे नहीं मिल जाती है? मिल जाने पर वह आनन्‍दित हो कर उसे अपने कन्‍धों पर बैठा लेता है और घर आ कर अपने मित्रों और पड़ोसियों को बुलाता है और उन से कहता है, ‘मेरे साथ आनन्‍द मनाओ, क्‍योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मुझे मिल गई है।’ मैं तुम से कहता हूँ, इसी प्रकार निन्‍यानबे धर्मियों की अपेक्षा, जिन्‍हें पश्‍चात्ताप करने की आवश्‍यकता नहीं है, उस एक पापी के लिए स्‍वर्ग में अधिक आनन्‍द मनाया जाएगा जो पश्‍चात्ताप करता है।

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