शोक-गीत 3:21-25
शोक-गीत 3:21-25 HINCLBSI
परन्तु मैं अपने हृदय में यह स्मरण करता हूं, अत: मेरी यह आशा नहीं टूटती : प्रभु की करुणा निरन्तर बनी रहती है; उसकी दया अनंत है। रोज सबेरे उसमें नए अंकुर फूटते हैं; उसकी सच्चाई अपार है। मेरा प्राण कहता है, ‘प्रभु ही मेरा अंश है, अत: मैं उसकी आशा करूंगा।’ जो लोग प्रभु की बाट जोहते हैं, जो आत्मा उसकी खोज करती है, उसके प्रति प्रभु भला है।



