योना 2:2-5
योना 2:2-5 HINCLBSI
उसने कहा : ‘हे प्रभु, मैंने अपने संकट में तुझे पुकारा, और तूने मुझे उत्तर दिया। मैंने अधोलोक के उदर में तेरी दुहाई दी, और तूने निस्सन्देह मेरी पुकार सुनी। तूने मुझे गहरे सागर में, सागर के हृदय में फेंका था; मैं धाराओं से घिरा हुआ था। तेरी लहरों और तरंगों ने मुझे लपेट लिया था। तब मैंने यह सोचा: मैं प्रभु के सम्मुख से निकाल दिया गया हूँ। अब मैं कैसे प्रभु के पवित्र मन्दिर के दर्शन कर सकूंगा? मैं समुद्र में डूब रहा था। मेरे चारों ओर जल ही जल था। मेरे सिर में सिवार लिपट गई थी।


