अय्‍यूब 1:13-22

अय्‍यूब 1:13-22 HINCLBSI

एक दिन अय्‍यूब के पुत्र-पुत्रियां बड़े भाई के घर में भोजन कर रहे थे, और अंगूर-रस पी रहे थे। इसी समय अय्‍यूब के पास उसके सेवकों में से एक किसान आया, और उसने कहा, ‘स्‍वामी, हम आपके खेतों में बैलों से हल जोत रहे थे, और गदहियां उनके पास ही चर रही थीं। तभी शबा देश के लुटेरे कारवां ने आक्रमण किया और वे पशुओं को लूटकर ले गए। उन्‍होंने आपके सेवकों को तलवार से मौत के घाट उतार दिया। केवल मैं बच गया और अब आपको खबर देने के लिए आया हूं।’ किसान यह कह ही रहा था कि एक चरवाहा आया, और उसने यह कहा, ‘आकाश से परमेश्‍वर की आग गिरी, और उसने भेड़-बकरियों और सेवकों को भस्‍म कर दिया। केवल मैं बच गया और अब आपको यह खबर देने के लिए आया हूँ।’ चरवाहा यह कह ही रहा था कि एक महावत आया, और उसने यह कहा, ‘कसदी लूटेरों ने हमारे ऊंटों पर तीन ओर से हमला किया, और वे उनको लूटकर ले गए। उन्‍होंने महावतों को तलवार से मौत के घाट उतार दिया। केवल मैं बच गया और अब आपको यह खबर देने के लिए आया हूँ।’ महावत यह कह ही रहा था कि एक युवक आया, और उसने कहा, ‘आपके पुत्र और पुत्रियाँ अपने बड़े भाई के घर में भोजन कर रहे थे, और अंगूर-रस पी रहे थे कि अचानक मरुस्थल की ओर से एक भीषण आंधी आयी। उसने मकान के चारों से ऐसा धक्‍का दिया कि वह आपके जवान पुत्र-पुत्रियों पर गिर पड़ा और वे दबकर मर गये। केवल मैं ही बच गया और अब आपको यह खबर देने के लिये आया हूं।’ तब अय्‍यूब उठा। उसने शोक प्रकट करने के लिए अपना अंगरखा फाड़ा और अपना सिर मुंड़ाया। वह भूमि पर गिरा, और उसने प्रभु की साष्‍टांग वन्‍दना की। उसने कहा, ‘मैं अपनी मां के पेट से नंगा बाहर निकला था। मैं नंगा ही वहाँ लौटूंगा, जहाँ से आया था। प्रभु ने दिया था, प्रभु ने ले लिया। प्रभु का नाम धन्‍य है।’ अय्‍यूब पर ये चारों विपत्तियाँ आई, पर उसने पाप नहीं किया, और न परमेश्‍वर पर मूर्खतापूर्ण आरोप लगाया।