योहन 11:14-27

योहन 11:14-27 HINCLBSI

इसलिए येशु ने उन से स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा, “लाजर मर गया है, और मैं तुम्‍हारे कारण प्रसन्न हूँ कि मैं वहाँ नहीं था, जिससे तुम लोग विश्‍वास कर सको। आओ, हम उसके पास चलें।” इस पर थोमस ने, जो दिदिमुस कहलाता था, अपने सहशिष्‍यों से कहा, “आओ, हम भी इनके साथ मरने को चलें।” वहाँ पहुँचने पर येशु को पता चला कि लाजर को कबर में दफनाए चार दिन हो चुके हैं। बेतनियाह यरूशलेम के समीप, लगभग तीन किलोमीटर दूर था। इसलिए भाई की मृत्‍यु पर संवेदना प्रकट करने के लिए यहूदा प्रदेश के बहुत-से लोग मार्था और मरियम से मिलने आए थे। ज्‍यों ही मार्था ने यह सुना कि येशु आ रहे हैं, वह उन से मिलने गयी। किन्‍तु मरियम घर में ही बैठी रही। मार्था ने येशु से कहा, “प्रभु! यदि आप यहाँ होते, तो मेरा भाई नहीं मरता। और मैं जानती हूँ कि आप अब भी परमेश्‍वर से जो कुछ मागेंगे, परमेश्‍वर आप को वही प्रदान करेगा।” येशु ने उस से कहा, “तुम्‍हारा भाई फिर जी उठेगा।” मार्था ने उत्तर दिया, “मैं जानती हूँ कि वह अन्‍तिम दिन पुनरुत्‍थान के समय फिर जी उठेगा”। येशु ने कहा, “पुनरुत्‍थान और जीवन मैं हूँ। जो मुझ में विश्‍वास करता है, वह मरने पर भी जीवित रहेगा और जो जीवित है, तथा मुझ में विश्‍वास करता है, वह कभी नहीं मरेगा। क्‍या तुम इस बात पर विश्‍वास करती हो?” उसने उत्तर दिया, “हाँ, प्रभु! मैं विश्‍वास करती हूँ कि आप ही मसीह, परमेश्‍वर के पुत्र हैं, जो संसार में आने वाले थे।”

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