योहन 10:1-10

योहन 10:1-10 HINCLBSI

“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जो फाटक से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, बल्‍कि दूसरे रास्‍ते से चढ़ कर आता है, वह चोर और डाकू है। जो फाटक से प्रवेश करता है, वही भेड़ों का चरवाहा है और उसके लिए द्वारपाल फाटक खोल देता है। भेड़ें उसकी आवाज पहचानती हैं। वह नाम ले-ले कर अपनी भेड़ों को बुलाता और बाहर ले जाता है। अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल लेने के बाद वह उनके आगे-आगे चलता है और भेड़ें उसके पीछे-पीछे आती हैं, क्‍योंकि वे उसकी आवाज पहचानती हैं। वे अपरिचित के पीछे-पीछे नहीं चलेंगी, बल्‍कि उससे दूर भागेंगी; क्‍योंकि वे अपरिचितों की आवाज नहीं पहचानतीं।” येशु ने लोगों को यह दृष्‍टान्‍त सुनाया, किन्‍तु उन्‍होंने नहीं समझा कि वह उनसे क्‍या कह रहे हैं। इसलिए येशु ने फिर उनसे कहा, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : भेड़शाला का द्वार मैं हूँ। जो मुझ से पहले आए, वे सब चोर और डाकू हैं; किन्‍तु भेड़ों ने उनकी नहीं सुनी। मैं ही द्वार हूँ। यदि कोई मुझ से हो कर प्रवेश करेगा तो उसे मुक्‍ति प्राप्‍त होगी। वह भीतर-बाहर आया-जाया करेगा और उसे चरागाह मिलेगा। “चोर केवल चुराने, मारने और नष्‍ट करने आता है। मैं इसलिए आया हूँ कि वे जीवन प्राप्‍त करें− बल्‍कि प्रचुरता से जीवन प्राप्‍त करें।

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