वहां एक और मनुष्य था। वह प्रभु के नाम में नबूवत करता था। उसका नाम ऊरीयाह बेन-शमायाह था। वह किर्यत्यरीम गांव का रहनेवाला था। ऊरीयाह ने भी नबी यिर्मयाह के समान, उन्हीं के शब्दों में इस नगर तथा इस प्रदेश के विरुद्ध नबूवत की। जब राजा यहोयाकीम, उसके महायोद्धाओं तथा उच्चाधिकारियों ने ऊरीयाह की नबूवत सुनी, तब राजा ने उसको मार डालने का प्रयत्न किया। ऊरीयाह ने यह सुना, तो वह डर गया, और प्राण बचा कर मिस्र देश भाग गया। किन्तु राजा यहोयाकीम ने कुछ सैनिकों को, एलनातान बेन-अकबोर तथा उसके साथ कुछ और लोगों को मिस्र देश भेजा। वे ऊरीयाह को मिस्र देश से पकड़ कर लाए, और उसको राजा यहोयाकीम के सामने पेश किया। राजा यहोयाकीम ने अपनी तलवार से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया, और शव को जन-साधारण के कब्रिस्तान में फेंक दिया। किन्तु उच्चाधिकारी अहीकाम बेन-शापान ने यिर्मयाह की मदद की। अत: यिर्मयाह भीड़ के हाथ में नहीं सौंपे गए, अन्यथा भीड़ उनको मार डालती।
यिर्मयाह 26 पढ़िए
सुनें - यिर्मयाह 26
शेयर
सभी संस्करण की तुलना करें: यिर्मयाह 26:20-24
छंद सहेजें, ऑफ़लाइन पढ़ें, शिक्षण क्लिप देखें, और बहुत कुछ!
YouVersion आपके अनुभव को वैयक्तिकृत करने के लिए कुकीज़ का उपयोग करता है। हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारी गोपनीयता नीति में वर्णित कुकीज़ के हमारे उपयोग को स्वीकार करते हैं।
होम
बाइबिल
योजनाएँ
वीडियो