यिर्मयाह 23:16-22

यिर्मयाह 23:16-22 HINCLBSI

स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘तुम इन नबियों की नबूवत मत सुनो; क्‍योंकि ये तुम में झूठी आशा जगाते हैं। ये ईश्‍वरीय दर्शन की बातों का दावा करते हैं; पर ये बातें मुझ-प्रभु के मुख की नहीं, वरन् इनके मस्‍तिष्‍क की उपज होती हैं। ये मुझ-प्रभु के वचन से घृणा करनेवालों से निरंतर कहते रहते हैं: “मत घबराओ! तुम्‍हारा भला होगा।” जो आदमी अपने हठी हृदय के अनुसार आचरण करता है, उससे ये कहते हैं, “मत डर, तेरा अनिष्‍ट नहीं होगा।” ’ इन नबियों में से कौन नबी प्रभु के दरबार में खड़ा था, और किसने प्रभु की बातें सुनीं, और उनको समझा है? किसने प्रभु के वचन सुने, और उन पर ध्‍यान दिया है? प्रभु के क्रोध के तूफान को देखो! बवण्‍डर के सदृश उसके प्रकोप की आंधी बहने लगी! उसकी क्रोधाग्‍नि दुर्जन के सिर पर बरसेगी। जब तक प्रभु अपने हृदय के संकल्‍प को कार्य रूप में परिणत नहीं करेगा, और उसको पूर्ण नहीं कर लेगा, तब तक वह अपने क्रोध को शांत नहीं करेगा। अन्‍तिम दिनों में तुम्‍हें यह बात स्‍पष्‍ट समझ में आ जाएगी। प्रभु कहता है, ‘मैंने इन झूठे नबियों को नहीं भेजा; फिर भी ये दौड़ पड़े। मैं इन से नहीं बोला, तो भी ये नबूवत करते हैं। यदि ये मेरे दरबार में उपस्‍थित रहते, तो निस्‍सन्‍देह ये मेरे निज लोगों को मेरा वचन सुना सकते थे, और उन्‍हें बुरे मार्ग से मेरे पास लौटा ले आते; उन्‍हें उनके बुरे रास्‍तों से वापस ले आते।’