याकूब 5:1-9

याकूब 5:1-9 HINCLBSI

धनवानो, मेरी बात सुनो! तुम लोगों को रोना और विलाप करना चाहिए, क्‍योंकि विपत्तियाँ तुम पर आ पड़ने वाली हैं। तुम्‍हारी सम्‍पत्ति सड़ गयी है। तुम्‍हारे कपड़ों में कीड़े लग गये हैं। तुम्‍हारे सोना-चाँदी पर मोरचा जम गया है। वह मोरचा तुम्‍हारे विरुद्ध साक्षी देगा; वह आग की तरह तुम्‍हारा शरीर खा जायेगा। यह युग का अन्‍त है और तुम लोगों ने धन का ढेर लगा लिया है। मजदूरों ने तुम्‍हारे खेतों की फसल लुनी और तुमने उन्‍हें मजदूरी नहीं दी। वह मजदूरी पुकार रही है और लुनने वालों की दुहाई स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुँच गयी है। तुम लोगों ने पृथ्‍वी पर सुख और भोग-विलास का जीवन बिताया है और वध के दिन के लिए अपने को हृष्‍ट-पुष्‍ट बना लिया है। तुम ने धर्मी को दोषी ठहरा कर मार डाला है और उसने तुम्‍हारा कोई विरोध नहीं किया। भाइयो और बहिनो! प्रभु के आगमन तक धैर्य रखिए। किसान को देखिए, जो खेत की क़ीमती फसल की बाट जोहता है। उसे शरत्‍कालीन और वसन्‍तकालीन वर्षा के आने तक धैर्य रखना पड़ता है। आप लोग भी धैर्य रखिए। हिम्‍मत न हारिए, क्‍योंकि प्रभु का आगमन निकट है। भाइयो और बहिनो! एक दूसरे की शिकायत नहीं कीजिए, जिससे आप पर दोष न लगाया जाये। देखिए, न्‍यायकर्ता द्वार पर खड़े हैं।