आकाश और पृथ्वी की रचना का यही विवरण है। प्रभु परमेश्वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया। पर उस समय धरती पर भूमि का कोई पौधा उगा नहीं था, और न ही भूमि की कोई वनस्पति अंकुरित हुई थी; क्योंकि प्रभु परमेश्वर ने पृथ्वी पर वर्षा न की थी, और भूमि की जोताई करने के लिए मनुष्य न था। कुहराधरती से ऊपर उठा, और उसने समस्त भूमि सींच दी। तब प्रभु परमेश्वर ने मनुष्य को भूमि की मिट्टी से गढ़ा तथा उसके नथुनों में जीवन का श्वास फूँका और मनुष्य एक जीवित प्राणी बन गया। प्रभु परमेश्वर ने पूर्व दिशा में अदन में एक उद्यान लगाया, और वहाँ उस मनुष्य को, जिसे उसने गढ़ा था, रख दिया। प्रभु परमेश्वर ने समस्त वृक्षों को, जो देखने में सुन्दर थे, और आहार के लिए उत्तम हैं, भूमि से उगाया। उसने उद्यान के मध्य में जीवन का वृक्ष तथा भले-बुरे के ज्ञान का वृक्ष उगाया। एक महा नदी उद्यान को सींचने के लिए अदन से निकली और वहाँ विभाजित होकर चार नदियों में परिवर्तित हो गई। पहली नदी का नाम पीशोन है। यह वही नदी है जो हवीला देश के चारों ओर बहती है, जहाँ सोना पाया जाता है। उस देश का सोना उत्तम होता है। वहाँ मोती और सुलेमानी पत्थर भी पाए जाते हैं। दूसरी नदी का नाम गीहोन है। यह वही नदी है जो कूश देश के चारों ओर बहती है। तीसरी नदी का नाम दजला है, जो असीरिया देश की पूर्व दिशा में बहती है। चौथी नदी का नाम फरात है। प्रभु परमेश्वर ने मनुष्य को लेकर अदन के उद्यान में नियुक्त किया कि वह उसमें खेती करे और उसकी रखवाली करे।
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पांच दिन
क्रिसमस अपने आप को नज़दीकी से देखने और यह देखने का एक सुन्दर समय होता है कि किस प्रकार से यीशु मसीह के इस धरती पर आने की वास्तविकता हमारे जीवनों को बदल देती है। स्वर्ग ने धरती पर चढ़ाई की और उसे हमेशा के लिए बदल दिया। हमारा जीवन कठिन या दुविधाजनक हो सकता है लेकिन यीशु के साथ रहते हुए वह बेमकसद नहीं हो सकता है।
7 Days
In this 7-day reading plan, Beth Moore uses questions from Scripture to lead you into intimacy with the One who knows you best. The crooked punctuation mark at the end of a sentence speaks of curiosity, interest, and perhaps doubt. A question is an invitation to vulnerability, to intimacy. The Bible does not shy away from such an invite. Over and over we see the people of God asking questions of their Creator. We also see the God of the universe asking questions of His creation. The Quest is a challenge to accept the invitation. Learn to dig into the Word, to respond to the questions of God, and to bring your questions before Him. Let the crooked punctuation mark be the map that points you into a closer relationship with the Father.
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