एस्‍तर 2:12-16

एस्‍तर 2:12-16 HINCLBSI

बारह महीने तक कन्‍याओं का रूप संवारा गया−यह नियम था। छ: महीने तक गन्‍धरस के तेल से तथा छ: महीने तक सुगन्‍धित द्रव्‍य तथा उबटन के लेप से उनकी सौंदर्य-सज्‍जा की गई। अपने शृंगार के लिए स्‍त्रियाँ उन वस्‍तुओं का उपयोग करती थीं। जब बारह महीने बीत गए तब उन्‍हें नियमानुसार बारी-बारी से सम्राट क्षयर्ष के पास महल में लाया गया। प्रत्‍येक कन्‍या रनिवास से जो भी वस्‍तु सम्राट के महल में अपने साथ ले जाना चाहती थी, वह उसको दी जाती थी, और यों वह सम्राट के महल में प्रवेश करती थी। कन्‍या सम्राट के महल में शाम को प्रवेश करती थी और सबेरे वहाँ से निकलकर दूसरे रनिवास में चली जाती थी। यह दूसरा रनिवास राज-खोजा शाशगज के अधिकार में था। शाशगज सम्राट की रखेलों की देखभाल करता था। जब कन्‍या सम्राट को पसन्‍द आती थी, तब वह दूसरी बार उसके महल में जाती थी। सम्राट उसको नाम लेकर बुलाता था; अन्‍यथा नहीं। एस्‍तर मोरदकय के चाचा अबीहइल की बेटी थी। मोरदकय ने उसको गोद लिया था और उसको अपनी बेटी की तरह पाला था। जब उसकी बारी आई तब उसने अपनी ओर से रनिवास से कुछ भी ले जाना अस्‍वीकार कर दिया। वह केवल वे ही वस्‍तुएं ले गई जिनको ले जाने की सलाह राज-खोजा हेगय ने दी थी। जिस-जिस व्यक्‍ति ने एस्‍तर को देखा उसने उसको पसन्‍द किया। एस्‍तर को सम्राट क्षयर्ष के शासन-काल के सातवें वर्ष के दसवें महीने, अर्थात् तेबेट माह में, सम्राट के पास महल में लाया गया।